पूर्वी भू-मध्य सागर मार्ग पर 2024 की घातक शुरुआत, 100 लोगों ने गंवाई जान या हुए लापता

जिनेवा (हि.स.)। इस साल की शुरुआत पूर्वी भू-मध्य सागर मार्ग पर मानवीय क्षति के लिए घातक रही। जनवरी में इस मार्ग पर 100 लोगों ने जान गंवाई या लापता हो गए। यह खुलासा संयुक्त राष्ट्र प्रवासन एजेंसी ( इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर माइग्रेशन ‘आईओएम’) ने किया है। एजेंसी के अनुसार, 2023 की समान अवधि, 2016 के बाद से यूरोप में समुद्र में प्रवासियों के लिए यह सबसे घातक वर्ष है।

एजेंसी की विज्ञप्ति के अनुसार, आईओएम की महानिदेशक एमी पोप ने प्रवासियों की सुरक्षा पर रोम में आयोजित इटली-अफ्रीका सम्मेलन में दिए अपने वक्तव्य में इस पर चिंता जताई है। इस सम्मेलन में इटली के प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन सहित 20 से अधिक राष्ट्राध्यक्ष और प्रधानमंत्री भाग ले रहे हैं।

एमी पोप ने कहा, “इटली-अफ्रीका सम्मेलन खतरनाक मार्गों पर मानव जीवन के अनावश्यक नुकसान को रोकने और यात्रा करने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए एकीकृत और टिकाऊ तंत्र पर चर्चा करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।” यूएन एजेंसी के अनुसार, इटली का लक्ष्य सहयोग, विकास और समान साझेदारी के मॉडल के माध्यम से यूरोप और अफ्रीका के बीच एक पुल के रूप में अपनी भूमिका को मजबूत करना है। पिछले छह हफ्तों के भीतर लीबिया, लेबनान और ट्यूनीशिया से 158 लोगों को ले जाने वाले तीन जहाजों का पता नहीं चल पाया है। इनमें से 73 लोगों को लापता और मृत मान लिया है।

एजेंसी ने कहा है कि बुधवार को अधिकारियों ने साइप्रस के केप ग्रीको से 62 प्रवासियों के एक समूह को बचा लिया। इन लोगों ने 18 जनवरी को लेबनान छोड़ा था। अधिकांश अस्पताल में भर्ती हैं और उन्हें गंभीर रूप से बीमार बताया गया है। कई बच्चों की हालत गंभीर है। अब तक एक बच्चे की मौत हो चुकी है। माना जाता है कि हाल के दिनों में अंतायला, तुर्किये में तट पर आए सात शव 11 दिसंबर को लेबनान से रवाना होने के बाद से लापता 85 प्रवासियों के समूह के हैं। आईओएम के मिसिंग माइग्रेंट्स प्रोजेक्ट के अनुसार, पूरे भू- मध्य सागर में प्रवासी मौतों और लापता होने की वार्षिक संख्या 2021 में 2,048, 2022 में 2,411 और 2023 में 3,041 है।

मुकुंद

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