पूंजीनिवेशक सम्मेलन कर सिर्फ शोर मचा रही योगी सरकार : अखिलेश यादव
लखनऊ (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार पूंजी निवेश लाने के लिए पूंजीनिवेशक सम्मेलन के नाम पर सिर्फ शोर मचाने का काम कर रही है, उसके नतीजों में जीरो आना है। इसके पूर्व जो निवेशक सम्मेलन हुए उसका रिजल्ट कार्ड कहां है? पिछली बार भी भाजपा सरकार ने इसी तरह से जोर-शोर के साथ इन्वेस्टर्स समिट किया था और लाखों करोड़ के एमओयू होने का दावा किया, लेकिन जमीन पर कोई निवेश दिखाई नहीं दिया था। जब देश से पूंजीनिवेश नहीं हुआ तो मंत्रियों, अधिकारियों को विदेशों की सैर कराई गई। यह तीखे आरोप गुरुवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लगाए हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं मुम्बई में उद्योगपतियों को उत्तर प्रदेश में लाने के लिए को मनाने गए हैं। उप्र के हालात देखकर यहां कोई भी उद्योगपति और व्यापारी निवेश को तैयार नहीं हैं। पूंजीनिवेश के मामले में भाजपा सरकार हवा में ही लाठियां भांजती नजर आ रही है।
भाजपा सरकार की गलत नीतियों से यूपी विकास के मामले में लगातार पिछड़ता जा रहा है। हाल ही में वित्तीय वर्ष 2021-22 की विकास दर को लेकर देश के सभी राज्यों जो आंकड़ा आया है उसमें उत्तर प्रदेश सबसे नीचे पहुंच गया है। इसके लिए पूरी तरह से भाजपा सरकार जिम्मेदार है। अब क्या उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार इस नकारात्मक उपलब्धि का उल्टा होर्डिंग लगवाएगी?
यूपी में कानून व्यवस्था बर्बाद
अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को बर्बाद कर दिया है। सत्ता संरक्षित अपराधियों और दबंगों का आतंक है। व्यापारी और व्यवसायी लूटे और आतंकित किये जा रहे हैं। सरेआम हत्याएं हो रही हैं। पुलिस हिरासत में मौतों के मामले में भाजपा सरकार में प्रदेश को नम्बर एक पर पहुंचा दिया है। मुख्यमंत्री अपनी सरकार में खराब कानून व्यवस्था को सुधारने के बजाए देश में घूम-घूमकर उत्तर प्रदेश और उसकी छवि को बदनाम कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में उत्तर प्रदेश में निवेश करने के लिए सौ बार सोचेगा। सरकार अगर कानून का राज स्थापित करती और सबको सम्मान देती तो उसे पूंजीनिवेश के लिए देश-विदेश में भटकना न पड़ता। निवेशक खुद उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए आते।
छह साल की औद्योगिक नीति स्पष्ट करे सरकार
सपा अध्यक्ष ने कहा कि पूंजीनिवेश के लिए देश और दुनिया में अपने मंत्रिमंडल के साथ भटक रहे मुख्यमंत्री अपनी सरकार के छह वर्षों के कार्यकाल में औद्योगिक नीति को ही नहीं स्पष्ट कर पाए। उद्यमियों को यहां आने पर क्या-क्या सुविधाएं मिलेंगी इस पर जबानी जमा खर्च ही हो रहा है। पिछले दिनों उद्योग बंधु की बैठक में उद्यमियों ने शिकायत की कि हर बैठक में अधिकारी बदल जाते हैं, उनके बयान बदल जाते है और नए-नए बहाने बता दिए जाते हैं। व्यापारियों की समस्याओं के समाधान की दिशा में कुछ भी कार्यवाही नहीं होती है।
भाजपा सरकार कई बार मांग करने के बाद भी नहीं बता पाई कि उसकी सरकार में अब तक कितना पूंजी निवेश हुआ और कहां-कहां फैक्ट्रियां और कम्पनियां लगी। तथा कितने लोगों को नौकरी रोजगार मिला। समाजवादी पार्टी की मांग के बावजूद भाजपा सरकार अभी तक अपने कार्यकाल में हुए पूंजी निवेश पर श्वेतपत्र जारी नहीं कर पाई।
भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री बताएं कि जिस एमओयू का जिक्र करते हैं उनमें से कितने छह सालों में जमीन पर उतरे। प्रदेश के व्यापारी तो सरकारी नीतियों, वसूली और छापेमारी, जीएसटी के नित्य नए बदलते प्राविधानों से बहुत दुःखी है।
विकास के मामले में पिछड़ता जा रहा उप्र
उत्तर प्रदेश में जो विकास और पूंजी निवेश हुआ है वह समाजवादी सरकार में ही हुआ है। उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों में जो पूंजी निवेश हुए है वह सपा की सरकार की औद्योगिक नीतियों की देन है। लखनऊ में आईटी सिटी, अन्तरराष्ट्रीय स्टेडियम, नोएडा में सैमसंग की यूनिट, लखनऊ समेत अन्य जिलों में अमूल मिल्क प्लांट। यह सब समाजवादी सरकार के समय का निवेश है जो दिखाई दे रहा है। सपा सरकार ने उत्तर प्रदेश में सड़कों और हाईवेज के निर्माण को प्रोत्साहित करके विकास की गति को आगे बढ़ाया। पूंजीनिवेश के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया था। लेकिन भाजपा सरकार ने उत्तर प्रदेश को फिर से पीछे ढकेलने का काम किया है। आज आंकड़े साफ बता रहे हैं कि उत्तर प्रदेश देश के अन्य राज्यों से विकास के मामले में पिछड़ता जा रहा है।
गिरती साख बचाने के लिए जनता से हो रहा छल
भाजपा सरकार अपनी गिरती साख बचाने के लिए और बढ़ती मंहगाई, बेरोजगारी तथा किसानों की समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए ग्लोबल इंवेस्टर्स मीट के नाम पर छल कर रही है। सच तो यह है कि बिना ठोस परिणाम के किसी भी बात का धुआंधार प्रचार, विज्ञापन और उसका एजेंट मैनेजमेंट भाजपा के बाएं हाथ का खेल है, जिसमें वह माहिर है। लेकिन अब जनता जागरूक हो गई है। दिखावटी निवेश से उत्तर प्रदेश का विकास नहीं होगा। कागज पर छपी मोमबत्ती दिखाने से उजाला नहीं होता है।
मोहित वर्मा