पावर कारपोरेशन ने दिया प्रस्ताव, बिजली बिल में आएगी कमी

लखनऊ (हि.स.)। उप्र में बिजली के बिल में कमी की जाएगी। इसके लिए बिजली कंपनियों की तरफ से पावर कारपोरेशन ने वर्ष 2023-24 के क्वार्टर-1 ईंधन अधिभार में कमी के लिए नियामक आयोग में प्रस्ताव दाखिल कर दिया है। इस प्रस्ताव पर राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने खुशी जाहिर की है। उपभोक्ता परिषद इसके लिए बहुत दिनों से लड़ाई लड़ रहा था।

पावर कारपोरेशन के इस निर्णय से 18 पैसे प्रति यूनिट से लेकर 69 पैसे प्रति यूनिट तक बिजली बिल में कमी आएगी। पावर कारपोरेशन द्वारा दाखिल प्रस्ताव के अनुसार घरेलू बीपीएल के ईधन अधिभार में 18 पैसे प्रति यूनिट, घरेलू सामान्य में 26 से 34 पैसे प्रति यूनिट, कामर्शियल में 34 से 48 पैसे प्रति यूनिट, किसान के लिए 13 से 30 पैसे प्रति यूनिट, नान इंडस्ट्रीयल बल्कलोड पर 46 से 69 पैसे प्रति यूनिट, भारी उद्योग में 33 से 38 पैसे प्रति यूनिट की कमी की जाएगी।वहीं ग्रामीण घरेलू आनमीटर्ड जिनसे अभी रुपया 500 प्रति किलो वाट प्रति माह लिया जाता है। उनकी बिजली दरों में प्रति माह 50 रुपया 90 पैसा प्रति किलो वाट प्रति माह का फायदा होगा वहीं किसानों को 48 रुपया 43पैसा प्रति हॉर्स पावर का फायदा होगा।

उपभोक्ता परिषद ने अपनी लामबंदी की तेज विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्य संजय कुमार सिंह से मुलाकात कर कार्यवाही को आगे बढाने की मांग उठाई। परिषद ने कहा कि नियामक आयोग कानून की परिधि में फैसला ले, जिससे प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को इसका अगले 3 महीने तक फायदा मिलेगा। उपभोक्ता परिषद लगातार फ्यूल सरचार्ज को सही तरीके से लागू करने के लिए पावर कॉरपोरेशन पर दबाव बनाए हुए था और अंततः आज जब कारपोरेशन के प्रस्ताव का खुलासा हुआ। उपभोक्ता परिषद ने कहा कि अब उसकी लड़ाई आगे इसे लागू करने को लेकर होगी उसी क्रम में उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने आज विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्य संजय कुमार सिंह से मुलाकात कर इस प्रस्ताव पर अविलंब कार्यवाही शुरू करने की मांग उठाई, क्योंकि इससे कहीं न कहीं प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का अगले 3 महीने तक उनकी बिजली दरों में उन्हें लाभ प्राप्त होना है।

इसके पहले प्रदेश की बिजली कंपनियों ने जुलाई 2023 में क्वार्टर 4 के लिए 61 पैसा प्रति यूनिट के हिसाब से प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की बिजली दरों में बढोतरी के लिए ईंधन अधिवास शुल्क आयोग में दाखिल किया था जिस पर अंतत: उपभोक्ता परिषद द्वारा दाखिल आपत्तियां व विरोध के बाद पावर कॉरपोरेशन स्वत: पीछे हट गया था और वह पूरा मामला ठंडा बस्ते में चला गया था। अब पावर कारपोरेशन ने विद्युत नियामक आयोग में जो ईंधन अधिकार शुल्क के एवज में 35 पैसे प्रति यूनिट कमी के लिए अलग-अलग श्रेणी वार प्रस्ताव दाखिल किया है, उसमें यह भी लिखा है कि पूर्व में जो वह बढोतरी चाह रहा था, उसे ट्रू-अप के समय देखा जाए।

उपेन्द्र/सियाराम

error: Content is protected !!