पांच वर्षीय संविदा प्रस्ताव पर भड़के कर्मचारी-शिक्षक नेता, सरकार से किए पांच सवाल
लखनऊ। सरकारी नौकरी की शुरुआत में पांच वर्ष की संविदा के प्रस्ताव पर कर्मचारी-शिक्षक नेताओं ने आक्रोश जाहिर करते हुए विधानसभा घेराव से लेकर प्रान्तव्यापी आंदोलन का ऐलान किया है। उनका कहना है कि सरकार लगातार ऐसे कदम उठा रही है, जिससे कर्मचारी-शिक्षक वर्ग को आर्थिक तथा मानसिक पीड़ा का सामना करना पड़ रहा है। ऊर्जा सहित कई विभागों को निजीकरण की ओर ले जाने के लिए सरकार इस तरह के दमनात्मक कदम उठा रही है। कर्मचारी शिक्षक अधिकार एवं पेंशनर्स अधिकार मंच ने सरकार के सामने पांच सवाल भी रखे हैं।
इस संबंध में मंगलवार को वीडियो कान्फेसिंग में भड़के कर्मचारी-शिक्षक नेताओं ने सरकार के इन मनमाने रवैये के खिलाफ अक्टूबर में विधानसभा घेराव से लेकर प्रान्तव्यापी आन्दोलन का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरी की शुरुआत में पांच वर्ष की संविदा के प्रस्ताव बेरोजगारों में डर और उत्पीड़न जैसे प्रभाव रोजगार मिलने से पहले उत्पन्न हो गए हैं। सरकार के इस प्रस्ताव को युवा और कर्मचारी विरोधी करार देते हुए मंच के नेताओं ने सरकार को 2022 के चुनाव याद दिलाया है। उन्होंने दो टूक कहा कि युवाओं का आत्मसम्मान नहीं छीनने देंगे।
उन्होंने आरोप लगाया कि समूह ‘ख’ व ‘ग’ की भर्ती प्रक्रिया में बदलाव किया जा रहा है, जिससे सरकारी नौकरियों में भी ठेका प्रथा लागू हो जाएगी। परीक्षा के जरिये चुने गए अभ्यर्थी पांच वर्ष की कठिन संविदा प्रक्रिया में छंटनी से जब बच पाएंगे, तभी पक्की नौकरी मिल पाएगी। संविदा काल में कर्मचारी पूरी तरह बंधुआ बनकर रहेगा। जले पर नमक छिड़क कर युवाओं को चुनौती दी जा रही है।
मंच ने किए पांच सवाल1. मंच ने सरकार से पूछा कि क्या इस तरह की नियुक्ति कर्मचारी सेवा नियमावली के विपरीत नहीं है?2. इस बात की क्या गांरटी है कि कर्मचारी पाॅच साल संविदा के बाद नियमित हो जाएगा?3. अगली सरकार उन संविदा कार्मिको रखेगी या नहीं इसकी क्या गारंटी है?4. क्या इसी तरह की प्रक्रिया विधायक, सांसद और मंत्री बनने के लिए अपनाई जाएगी?5. क्या सरकार बता पाएगी नई पेंशन मद में काटी गई धनराशि कितनी है और वह कहां जमा है?
इन कर्मचारी शिक्षक नेताओं की भागीदारीसुशील त्रिपाठी प्रदेश अध्यक्ष कलेक्ट्रेट एसो., डॉक्टर दिनेश चन्द्र शर्मा प्रदेश अध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक संघ, हरि किशोर तिवारी प्रदेश अध्यक्ष राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, सतीश पांडे प्रदेश अध्यक्ष राज्य कर्मचारी महासंघ, यादवेन्द्र मिश्रा अध्यक्ष सचिवालय संघ, राकेश त्यागी अध्यक्ष डिप्लोमा इंजीनियर महासंघ आदि कर्मचारी शिक्षक नेताओं ने वीडियों कान्फेसिंग में अपने विचार रखे।