नेपाल की राप्ति नदी में जलस्तर बढ़ा, खतरे के निशान से दो मीटर नीचे बह रही
लखनऊ(हि.स.)। नेपाल के भालूबंग, भैरहवा, रुपनदेही से बहते हुए उत्तर प्रदेश में प्रवेश करने वाली राप्ति नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। राप्ति नदी अभी खतरे के निशान से करीब दो मीटर नीचे बह रही है। गोरखपुर परिक्षेत्र में राप्ति नदी का सबसे ज्यादा प्रभाव है। इसके साथ ही नदी की प्रतिदिन स्थिति पर उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के अभियंताओं की टीम निगरानी कर रही है।
नेपाल से उत्तर प्रदेश में आने के बाद राप्ति नदी श्रावस्ती, बलरामपुर, बस्ती, गोरखपुर जनपदों से हो कर गुजरती है। राप्ति नदी को उसके वेग के लिए ही जाना जाता है। पहाड़ी क्षेत्र में वर्षा होने के साथ ही राप्ति में जलस्तर बढ़ने लगता है। इस वर्ष भी वर्षा की शुरुआत से ही राप्ति का जलस्तर में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। श्रावस्ती जनपद के काकरधारी में 1.9 मीटर नीचे, श्रावस्ती के भिनगा में 1.1 मीटर नीचे, बलरामपुर में 1.7 मीटर नीचे, गोरखपुर में रिगौली में 1.7 मीटर नीचे, गोरखपुर के बर्डघाट पर 1.4 मीटर नीचे राप्ति नदी बह रही है।
जलस्तर बढ़ने पर नवनिर्मित बांध कटा
राप्ती नदी के जलस्तर बढ़ने पर श्रावस्ती जिले में मुजेहना स्थित नवनिर्मित बांध कट गया। बांध को एक माह पूर्व ही बांधा गया था, जिसमें कटान होने स्थानीय गांव की सीमा तक जल पहुंचने का खतरा पैदा हो गया है। सिंचाई विभाग के अभियंताओं ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाल लिया है।
राप्ति नदी के किनारे बसे गांवों में बाढ़ का खतरा
राप्ति नदी के जलस्तर के खतरे के निशान के नीचे बहने से अभी प्रशासन राहत की सांस लिये हुए है। बावजूद इसके इससे सटे गांवों में बाढ़ का खतरा की संभावना को देखते हुए सिंचाई विभाग के अभियंताओं की टीम अपने कार्ययोजना में जुट गयी है। बीते वर्ष राप्ति नदी ने गोरखपुर के कई गांव में तबाही मचायी थी और गांवों में फंसे लोगों को रेस्क्यू कर बचाया गया था।
बिहार के रास्ते होने वाला व्यापार होता प्रभावित
राप्ति नदी का जलस्तर बढ़ने पर इसका प्रभाव बिहार के रास्ते होने वाले व्यापार पर भी पड़ता है। गोरखपुर की सीमा बिहार राज्य से लगती है और प्रमुख मार्गों के अलावा सम्पर्क मार्ग पर राप्ति नदी में बढ़ता जलस्तर के चलते पानी पहुंच जाता है। इससे सम्पर्क मार्ग पर पानी आने के बाद आवागमन कठिन होता है और इसका असर व्यापार पर भी देखा जाता है।
शरद/मोहित