नवाब जाफर मीर अब्दुल्ला किए गए सुपुर्द-ए-खाक

नवाब साहब के नाम से प्रदेश स्तर पर हेरिटेज एवार्ड की रखी गई मांग

लखनऊ (हि.स.)। लखनऊ शहर की जानी मानी हस्ती नवाब जाफर मीर अब्दुल्ला, जिनमें पुराने समय के लखनऊ का अक्स झलकता था, को बुधवार को तालकटोरा कर्बला के कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। इस अवसर पर उनके चाहने वाले, करीबी, रिश्तेदारों ने आंसू भरी आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी।

जानकारी हो कि मंगलवार को उनका निधन हो गया। उनके भाई नवाब मसूद से मिली जानकारी के मुताबिक शहर के विवेकानंद विवेकानंद हॉस्पिटल में उनकी डायलिसिस चल रही थी। मंगलवार को शाम छह बजकर 40 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली थी।

नवाब मसूद ने बताया कि शाम हो जाने के बाद उनका जनाजा उठा। हुसैनाबाद के सतखण्डा में नमाज-ए-जनाजा हुई। उसके बाद जनाजे को तालकटोरा कर्बला के कब्रिस्तान ले गए और वहां उनके सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। इस अवसर पर शहर की कई हस्तियां व गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

नवाब मसूद ने बताया कि उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा घर पर दुख में शामिल होने आए थे। बताया कि उनके सामने मांग रखी की नवाब मीर जाफर अब्दुल्ला के नाम से प्रदेश स्तर पर हेरिटेज अवार्ड दिया जाए। साथ लखनऊ की किसी इमारत या सड़क का नाम नवाब साहब के नाम पर रखा जाए। इसके अलावा पद्मश्री अवार्ड उनको मिलना चाहिए।

शैलेंद्र

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