नवनियुक्त कर्मचारियों को पांच साल संविदा पर रखना, युवा वर्ग के साथ अन्याय: अजय कुमार लल्लू

लखनऊ। प्रदेश कांग्रेस ने कहा कि देश और प्रदेश में भयंकर रूप से बढ़ती बेरोजगारी और लगातार गिरती अर्थव्यवस्था से प्रदेश के युवाओं का भविष्य खतरे में है जिससे छात्र-युवा हताश और निराश हैं। ऐसे समय योगी सरकार का नयी नियुक्तियों को पहले पांच साल संविदा पर रखे जाने के प्रस्ताव का लाया जाना प्रदेश के छात्र-छात्राओं और युवा वर्ग के साथ ऐतिहासिक अन्याय जैसा कृत्य है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि योगी सरकार प्रदेश में नए रोजगार सृजन के मामले में पूरी तरह से फेल हो चुकी है। जिन युवाओं को हसीन ख्वाब दिखा कर वो सत्ता में आये थे आज उन्हीं के साथ वह ऐतिहासिक छल कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जब युवा रोजी-रोटी की चिंता में नौकरी मांगता है, रुकी हुई परीक्षाएं कराने और अटकी भर्तियां घोषित करने की मांग करता है तो भाजपा के नेता कुत्ता पालने, खिलौना बनाने, पकौड़ा बनाने की सलाह देते हैं जिससे यह साफ होता है कि भाजपा नेत्रत्व का शिक्षा और युवाओं के भविष्य से कोई सरोकार नहीं रह गया है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पिछले दिनों प्रदेश के छात्र नौजवानों ने द्वारा बेरोजगारी और चौपट अर्थव्यवस्था के विरोध में ताली-थाली बजाकर विरोध दर्ज कराने का अभियान चलाया गया जिसे युवाओं, छात्रों का भरपूर समर्थन हासिल हुआ है। उस विरोध प्रदर्शन के दर्द को समझने और निस्तारित करने के बजाये इस तरह के फैसले लेने का मतलब साफ है कि मौजूदा योगी सरकार रोजगार विरोधी और युवा विरोधी है।
उन्होंने कहा कि योगी सरकार का यह फैसला बेहद अलोकत्रांतिक और गैर-जिम्मेदाराना फैसला है। राज्य कर्मचारी का एक बड़ा हिस्सा लगभग 70 फीसदी समूह ख और समूह ग से आता है। ऐसे में इन समूह की भर्ती को ‘मिजरेबल की परफॉरमेंस इंडिकेटर फार्मूला’ के आधार पर उनकी दक्षता को तय करके ही परमानेंट करना, इस समूह की भर्ती होने वाले कर्मचारियों के मौलिक अधिकारों का हनन है। 
प्रदेश अध्यक्ष ने तंज भरे लहजे में कहा कि कर्मचारियों की दक्षता और प्रदर्शन को तय करने वाली सरकार, अपने मंत्रियों, कानून व्यवस्था, महिला उत्पीड़न और बच्चियों के साथ रेप और हत्या को मापने का भी कोई पैमाना लाये तो प्रदेश की जानता उनको साधुवाद देगी।

error: Content is protected !!