नवजात शिशु की देखभाल के लिए एसजीपीजीआई में वेंटिलेशन कार्यशाला संपन्न

लखनऊ(हि स)। संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, लखनऊ के नियोनेटोलॉजी विभाग ने उन्नत नवजात वेंटिलेशन पर एक व्यावहारिक कार्यशाला का आयोजन किया।

प्रसिद्ध विशेषज्ञों ने अपनी अमूल्य अंतर्दृष्टि और ज्ञान से कार्यशाला को समृद्ध बनाया। नियोनेटोलॉजी विभाग की प्रोफेसर और प्रमुख डॉ. कीर्ति एम. नारांजे ने अपने नेतृत्व और अंतर्दृष्टि से क्षेत्र में नवीनतम रुझानों पर ध्यान केंद्रित करते हुए कार्यशाला को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

डॉ. बिराज ठक्कर ने नवजात वेंटिलेशन के जटिल पहलुओं पर अपनी विशेषज्ञता साझा की। आयोजन सचिव डॉ. अनीता सिंह ने सावधानीपूर्वक नियोजन और संगठन के माध्यम से कार्यशाला की सफलता सुनिश्चित की, जिससे उपस्थित लोगों को एक सहज अनुभव प्राप्त हुआ। डॉ. आकांक्षा वर्मा, डॉ. अभिषेक पॉल और डॉ. अभिजीत रॉय ने उन्नत नवजात वेंटिलेशन पर केंद्रित चर्चाओं और व्यावहारिक सत्रों को महत्व दिया।

उद्घाटन समारोह में सीजेड-यूपी नियोकॉन के आयोजन सचिव डॉ. संजय निरंजन और सीजेड-यूपी नियोकॉन 2023 के मुख्य आयोजन सचिव डॉ. आकाश पंडिता की गरिमामयी उपस्थिति रही।

यह जीवंत कार्यशाला विभाग के रेजिडेन्ट चिकित्सकों के सहयोगात्मक प्रयासों से संभव हुई, जिन्होंने कार्यक्रम के आयोजन और समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पूरे देश से 40 से अधिक प्रतिभागी कार्यशाला के साथ सक्रिय रूप से जुड़े।

कार्यशाला के दो मुख्य आकर्षण थे- हाई-फ़्रीक्वेंसी ऑसिलेशन (एचएफओ) वेंटिलेशन और इनोवेटिव आईएनओ मशीन, जिन्होंने प्रतिभागियों को अत्याधुनिक नवजात वेंटिलेशन प्रौद्योगिकियों में व्यावहारिक अंतर्दृष्टि प्रदान की।

सक्रिय शिक्षण को पहचानने और प्रोत्साहित करने के लिए, प्रीटेस्ट और पोस्ट-टेस्ट प्रश्नावली के लिए पुरस्कार प्रदान किए गए। प्रतिभागियों के ज्ञानार्जन के इस उत्सव ने कार्यशाला में एक प्रतिस्पर्धी तत्व जोड़ा।

नियोनेटोलॉजी विभाग द्वारा आयोजित उन्नत नवजात वेंटिलेशन कार्यशाला ने शिक्षा और सहयोग के माध्यम से नवजात देखभाल को आगे बढ़ाने के लिए संस्थान के समर्पण को रेखांकित किया। इस आयोजन से निःसंदेह नवजात सेवा से जुड़े सभी हितधारकों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, जिससे नन्हे-मुन्नों के जीवन की भलाई और भविष्य में सुधार होगा।

बृजनंदन

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