नगर निकाय चुनाव : बसपा की सक्रियता से लड़ाई होगी त्रिकोणात्मक

लखनऊ (हि.स.)। लोकसभा चुनाव से पूर्व उत्तर प्रदेश में होने जा रहे नगर निकाय चुनाव त्रिकोणात्मक होंगे। इस बार बहुजन समाज पार्टी(बसपा) भी चुनाव मैदान में ताल ठोकती नजर आयेगी।

प्रदेश में चाहे किसी की भी सरकार हो, निकाय चुनाव में दबदबा भाजपा का ही रहता है। इस बार भी कहीं चूक न रह जाय, इसके लिए छह माह पूर्व से ही भाजपा ने चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। अब अन्य दल भी इसकी तैयारियों में जुट गये हैं। पहले बसपा नगर निकाय का चुनाव में दिलचस्पी नहीं दिखाती थी, लेकिन इस बार उसके लड़ने से सपा-भाजपा-बसपा की लड़ाई त्रिकोणात्मक हो जायेगी।

पूरे प्रदेश में 762 नगर निकायों में चुनाव होने हैं। इसमें वार्डों की संख्या 13965 है। 17 नगर निगम हैं। वहीं नगर पालिका की संख्या 200 है, जबकि नगर पंचायतों की संख्या 545 है।

वर्तमान में भाजपा का जो संघठनात्मक ढांचा है, वैसी रचना फिलहाल किसी भी पार्टी की नहीं है। दूसरी ओर भाजपा के पदाधिकारी तथाा कार्यकर्ता सालों भर चुनावी मोड में दिखाई दे रहे हैं, वैसे में अन्य दलों के लिए भाजपा सबसे बड़ी चुनौती है।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह चुनाव लोकसभा चुनाव का सेमी फाइनल है। इसका बहुत असर नहीं पड़ता, फिर मतदाताओं की मानसिकता पर यह कुछ असर तो अवश्य डालता है।

नगर निकाय चुनाव को लेकर राजनीतिक विश्लेषक हर्षवर्धन त्रिपाठी का कहना है कि नगर निकाय चुनाव परंपरागत रूप से भाजपा के पक्ष में ही जाता है। शहरी मतदाता भाजपा के माने जाते हैं, लेकिन अब सब मिथक टूटते जा रहे हैं। इस कारण कुछ कहा नहीं जा सकता। अब तो बसपा के मतदाता भी भाजपाई हो गये हैं। हालांकि इस चुनाव में बसपा के चुनाव लड़ने से मामला त्रिकोणात्मक ही रहेगा।

उपेन्द्र

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