नई पर्यटन नीति को मंजूरी, प्रदेश में बनेंगे रामायण और महाभारत सर्किट
– मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रस्ताव पर लगी मुहर, धार्मिक एवं प्राकृतिक स्थलों को मिलेगी नई पहचान
– बुद्ध सर्किट से लेकर महाभारत सर्किट और शक्तिपीठ सर्किट के निर्माण की भी परिकल्पना
– वाइल्डलाइफ और इको टूरिज्म के क्षेत्रों को चिन्हित कर पर्यटन के लिहाज से किया जाएगा विकास
– कम विकसित क्षेत्रों में टूरिज्म बढ़ाने, निवेश को प्रोत्साहित कर रोजगार के अवसर पर होगा फोकस
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार पर्यटन के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम उठाने जा रही है। प्रदेश में धार्मिक स्थलों और प्राकृतिक स्थलों की बहुतायत संख्या को देखते हुए अलग-अलग सर्किट का विकास किया जाएगा, जिसमें एक समान पर्यटन केंद्रों को शामिल किया जाएगा। उदाहरण के तौर पर भगवान राम से जुड़े स्थलों को रामायण सर्किट, भगवान कृष्ण से जुड़े धार्मिक स्थलों को कृष्ण सर्किट के तौर पर विकसित किया जाएगा। इस योजना को नई पर्यटन नीति में शामिल किया गया है।
बुधवार को मंत्रिपरिषद ने नई पर्यटन नीति को मंजूरी दी है। इसके बाद सरकार इन सर्किट के जरिए पर्यटन के नए क्षेत्रों का विकास करेगी। उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर एके शर्मा ने नई पर्यटन नीति और पर्यटन के नए क्षेत्रों के विकास से जुड़ी जानकारी साझा की।
राम और कृष्ण से जुड़े स्थल होंगे सर्किट का हिस्सा
जिन नए पर्यटन गंतव्यों का विकास किया जाएगा। इसमें रामायण सर्किट प्रमुख होगा। रामायण सर्किट में अयोध्या, चित्रकूट, बिठूर समेत अन्य धार्मिक स्थल शामिल होंगे। इन धार्मिक स्थलों को भगवान राम एवं माता सीता के प्रतीकों के तौर पर देखा जाता है। इसी तरह कृष्ण सर्किट में मथुरा, वृंदावन, गोकुल, गोवर्धन, बरसाना, नंदगांव, बलदेव से लेकर अन्य धार्मिक स्थलों को जोड़ा जाएगा। इसी तरह, बुद्धिस्ट सर्किट में कपिलवस्तु, सारनाथ, कुशीनगर, कौशाम्बी, श्रावस्ती, रामग्राम समेत अन्य स्थल शामिल होंगे।
वाइल्डलाइफ और इको टूरिज्म का होगा विकास
मंत्री एके शर्मा ने बताया कि इसी तरह वाइल्डलाइफ और इको टूरिज्म को एक साथ रखते हुए इसमें सैंचुरी और फॉरेस्ट रिजर्व को विकसित किया जाएगा। इनके तहत हमारे जो प्राकृतिक स्थल हैं, उनको विकसित किया जाएगा। इस प्रस्ताव के तहत प्रदेश में ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित किया जाएगा, जहां पर इको टूरिज्म की संभावनाएं हैं। वहीं वाइल्डलाइफ से जुड़े क्षेत्रों को भी पर्यटन के लिहाज से विकसित करते हुए यहां पर्यटकों के अनुकूल सुविधाओं में इजाफा किए जाने का प्रस्ताव है।
महाभारत और शक्तिपीठ सर्किट का होगा विकास
महाभारत सर्किट की भी परिकल्पना की गई है। इसमें हस्तिनापुर, कांपिल्य, एछत्र, बरनावा, मथुरा, कौशाम्बी, गोंडा, लाक्षागृह जैसे स्थानों को चुना गया है। इसी तरह, शक्तिपीठ सर्किट का भी विकास होगा। इसमें विंध्यवासिनी देवी, अष्टभुजा से लेते हुए देवीपाटन, नैमिषारण्य, मां ललिता देवी, मां ज्वाला देवी, शाकुम्भरी देवी सहारनपुर से शिवानी देवी चित्रकूट और शीतला माता मऊ तक विस्तार होगा।
अध्यात्म को भी पर्यटन से जोड़ने का प्रस्ताव
आध्यात्मिक स्थलों को भी पर्यटन के लिहाज से विकसित करने की योजना है। इसके तहत आध्यात्मिक सर्किट बनाया जा रहा है। इसमें गोरखपुर, बलरामपुर से लेकर मथुरा, संत रविदास स्थल, मां परमेश्वरी देवी आजमगढ़, बलिया का बिघू आश्रम, आगरा का बटेश्वर, हनुमान धाम शाहजहांपुर को सम्मिलित किया गया है। कुछ इसी तर्ज पर सूफी कबीर सर्किट भी विकसित करने का विचार है। इसमें अमेठी, मगहर, संत कबीरनगर से लेकर कबीरदास की कर्मभूमि वाराणसी के लहरतारा तक ले जाने का प्रस्ताव है। वहीं, जैन सर्किट में देवगढ़, हस्तिनापुर से लेकर पार्श्वनाथ, दिगंबर जैन मंदिर रामनगर तक ले जाने का प्रस्ताव है।
प्रदेश के क्राफ्ट को भी मिलेगी पहचान
क्राफ्ट सर्किट बनाने का भी इनोवेटिव आइडिया है। उत्तर प्रदेश में अनेक जिलों में हैंडीक्राफ्ट का काफी काम होता है। कहीं मार्बल पर तो कहीं ग्लास, पीतल, हथकरघा, क्रॉकरी, कालीन, टेराकोटा का काम होता है। इनमें से कई जिले और उत्पाद ओडीओपी में भी शामिल हैं। इन सारे क्राफ्ट से जुड़े स्थलों को साथ लेकर के क्राफ्ट सर्किट के निर्माण का प्रस्ताव पारित हुआ है।
स्वतंत्रता संग्राम के स्थलों पर पर्यटन विकास
पारित हुए प्रस्तावों में स्वतंत्रता संग्राम सर्किट की भी परिकल्पना शामिल है। इसमें मेरठ, शाहजहांपुर, काकोरी, चौरीचौरा जैसे स्थल शामिल हैं जिनका देश के स्वतंत्रता संग्राम अभियान में अहम स्थान है। इसके अलावा बुंदेलखंड सर्किट को भी विकसित किया जाना है। इसमें चरखारी, चित्रकूट, कलिंजर, झांसी, देवगढ़, ललितपुर, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन जैसे जिले शामिल होंगे।
कम विकसित क्षेत्रों को मिलेगा बढ़ावा
एके शर्मा ने बताया कि कम विकसित क्षेत्रों को विकसित करके पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा। निवेश को प्रोत्साहित किया जाएगा। पर्यटन एक ऐसा क्षेत्र है, जहां रोजगार के अधिक से अधिक अवसर पैदा करने का पोटेंशियल होता है। इसे देखते हुए हमने नीति में इसको फोकस में रखा है। उत्तर प्रदेश में पर्यटन का बहुत अधिक पोटेंशियल है। हमारा फोकस है कि इस पोटेंशियल का हम कैसे उपयोग करें और इसका लाभ लें।
पर्यटन से जुड़ेंगी 22 तरह की एक्टिविटीज
इस कड़ी में पर्यटन से जुड़ी कई गतिविधियों को जो अब तक पर्यटन की व्याख्या में नहीं आती थीं, उन्हें सम्मिलित किया गया है। इनमें बजट होटल, हेरिटेज होटल, स्टार होटल, हेरिटेज होम स्टे, इको टूरिज्म की इकाइयां, कारवां टूरिज्म यूनिट, प्रदर्शनी, पिलग्रिम डॉर्मेट्री, धर्मशालाएं, वेलनेस रिसॉर्ट, आल वेदर सीजनल कैंप, जलाशय-झील, वेलनेस टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म जैसी कुल 22 एक्टिविटीज को नई नीति में जगह दी गई है।
दिलीप शुक्ल