नई दिल्ली : सरकार कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में लोगों को राहत देने की दिशा में कार्य कर रही: वित्तमंत्री सीतारमण
नई दिल्ली । देशभर में कोविड-19 महामारी के मामलों में हाल में हुई वृद्धि के मद्देनजर कोरोनावायरस से प्रभावित लोगों को ऑक्सीजन, टीके और अन्य आवश्यक सुविधाओं के साथ इसके प्रचालन तंत्र को सुनिश्चित किया जा रहा है। केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामले मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित एक आभासी सत्र के दौरान इस संदर्भ में जानकारी दी। सीतारमण ने उल्लेख किया कि सरकार नियमित रूप से स्थिति की समीक्षा और निगरानी कर रही है और देश में मांग और आपूर्ति को पूरा करने के लिए राज्यों, अस्पतालों और ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ताओं के बीच एक बेहतर समन्वय बनाए रखने की दिशा में तत्परता से काम कर रही है।
वित्तमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री स्वयं प्रख्यात चिकित्सकों और वैक्सीन निर्माताओं के साथ स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। भारत में अंतर्राष्ट्रीय निकायों द्वारा प्रमाणित टीकों के आयात को भी अनुमति दे दी गई है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा वैक्सीन निर्माताओं के लिए अग्रिम समर्थन को बढ़ाया जा रहा है और कोरोनोवायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान को और आगे बढ़ाते हुए 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए 1 मई 2021 से टीकाकरण की अनुमति दे दी गई है।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि रेमडेसिवीर के संबंध में अनेक महत्वूपर्ण घोषणाऐं की गई है और इस पर सीमा शुल्क को माफ कर दिया गया है। देश में रेमडेसिवीर इंजेक्शन की आवश्यकता और उपयोग को देखते हुए इसके निर्यात पर रोक भी लगा दी गई है। वित्त मंत्री ने कहा कि इन घोषणाओं से इंजेक्शन की उपलब्धता बढ़ने की आशा है। सीतारमण ने कहा कि ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए, देश में मांग और आपूर्ति को पूरा करने के लिए सरकार कम सक्रिय विनिर्माण क्षमताओं की पहचान कर रही है।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि मौजूदा स्थिति से निपटने का मार्ग माइक्रो कंटेनमैंट जोन से होकर जाता है, ताकि जीवन और आजीविका की रक्षा की जा सके।
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष तेजी से काम किया और विभिन्न कॉरपोरेट कानूनों के तहत अनुपालन की समय-सीमा बढ़ाई और इस वर्ष भी इसी प्रकार के कदमों और समर्थन उपायों की आवश्यकता है। केंद्रीय वित्त मंत्री ने आश्वासन दिया कि देश के औद्योगिक और आर्थिक विकास के लिए पीएचडी चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री से प्राप्त मूल्यवान सुझावों पर विचार किया जाएगा। केंद्रीय वित्त मंत्री के साथ हुए इस वर्चुअल वार्तालाप सत्र में उद्योग के पूर्व अध्यक्षों, प्रबंधन समिति के वरिष्ठ सदस्यों और अन्य सदस्यों ने भी भाग लिया है।