दो हजार का नोट वापस लेने से अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव : कांग्रेस
नई दिल्ली(हि.स.)। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि दो हजार रुपये का नोट अचानक वापस लेने से देश की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इससे बैंक के ऊपर भी अतिरिक्त दबाव बढ़ेगा।
कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि अभी बाजार में दो हजार के 181 करोड़ नोट हैं। ऐसे में अगर एक आदमी एक समय में पांच नोट बदलता है तो बैंक को इन नोटों को बदलने के लिए 36 करोड़ ट्रांजेक्शन करना पड़ेगा। यदि एक ट्रांजेक्शन में चार मिनट लगते हैं तो 144 करोड़ मिनट बैंकों के चार महीने में इसी काम में लग जाएंगे।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि सरकार के इस फैसले से बैंकों को लगभग ढाई करोड़ घंटे लगाने होंगे। इससे बैंक का कार्य प्रभावित होगा, किसानों,छोटे व्यापारियों आदि को लोन मिलने में परेशानी होगी। इससे उनके व्यापार पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। जिसके चलते हमारे अर्थतंत्र पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
गौरव ने कहा कि कांग्रेस नोट बंदी के खिलाफ थी और दो हजार की नोट वापस लेने के भी खिलाफ है। बार-बार नोटों को बदलना वापस लेना रुपये की साख गिराने जैसी बात है। केन्द्र सरकार को सोच-समझ कर कदम उठाना चाहिए।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने दो हजार रुपये के नोटों को बंद करने का फैसला लिया है। इन नोटों को वापस करने के लिए बैंक ने चार महीने का वक्त दिया है। इस अवधि में लोग अपने पास रखे दो हजार रुपये के नोट बदल सकेंगे।
आशुतोष/अनूप