दो ‘मेड इन इंडिया’ वैक्सीन के साथ मानवता की सुरक्षा के लिए तैयार भारत : प्रधानमंत्री मोदी


नई दिल्ली (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि भारत दो मेड इन इंडिया वैक्सीन के साथ मानवता की सुरक्षा के लिए तैयार है। भारत ने पहले भी दुनिया को वैक्सीन उपलब्ध कराई है और आज भी कराएगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने गुलामी के कालखंड में उपनिवेशवाद के खिलाफ लड़ाई लड़कर दुनिया को प्रेरणा दी थी। वहीं भारत आज आतंक के खिलाफ खड़ा होकर दुनिया को इसके खिलाफ लड़ने का साहस दे रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में कहा कि भारत के समर्थ होने का लाभ दुनिया को भी मिलता है। आज दुनिया की नजर इस बात पर है कि भारत किस तरह से दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन कार्यक्रम चलाता है।

दुनिया की भलाई में प्रवासी भारतीयोंं के योगदान का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रवासी जन जहां भी गए वह भारतीयता को साथ लेकर गए। उन्होंने भारत की संस्कृति, जीवन, आचरण और व्यवहार के जरिए लोगों को जागृत किया। भारत ने कभी भी अपने विचार दुनिया पर थोपे नहीं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत दुनिया में मजबूत और जीवंत लोकतंत्र का एक उदाहरण है। आजादी से पूर्व कई तरह की आशंकाएं जताई गई कि भारत गरीब, अशिक्षित और बंटा हुआ है। भारत ने इन सभी आशंकाओं को दरकिनार करते हुए दुनिया में एक स्थान हासिल किया है। आज इसी के चलते देश अंतरिक्ष और विज्ञान के क्षेत्र में प्रगति हासिल कर रहा है, परिणाम स्वरूप दुनिया भारत में निवेश कर रही है। आज दुनिया एक विकासशील देश को अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में नेतृत्व करते हुए देख रही है।

सेवा को भारतीय संस्कारों का मूल बताते हुए प्रधानमंत्री ने दुनिया भर में प्रवासी भारतीयों के कोविड-19 महामारी के कालखंड में लोगों की मदद के लिए आगे आने की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह देश के लिए गर्व और गौरव का विषय है और दुनिया के कई नेताओं ने उनसे बातचीत के दौरान भारतीयों के इन कार्यों की प्रशंसा की है। प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों का पीएम केयर्स फंड में योगदान के लिए भी आभार प्रकट किया।

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण के दौरान तमिल संत तिरुवल्लुवर के भी एक वाक्य का उल्लेख किया। इसमें उन्होंने कहा था कि सर्वश्रेष्ठ भूमि अपने विरोधियों से बुराई नहीं लेती और कष्ट के समय मदद से पीछे नहीं हटती।

इस दौरान प्रधानमंत्री ने गरीब कल्याण के लिए उठाए जा रहे कदमों का जिक्र किया और कहा कि सरकार की पहल के चलते कोरोना कालखंड में पिछड़ों की मदद संभव हो पाई।

प्रधानमंत्री ने भारत की आजादी में योगदान देने वाले प्रवासियों से जुड़े एक डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार किए जाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इसमें इन प्रवासी भारतीयों से जुड़े तथ्य, तस्वीरें और अन्य जानकारी उपलब्ध हो। उन्होंने अगले वर्ष प्रवासी भारतीय दिवस के दौरान आजादी के 75 वर्ष पूरे होने से जुड़े कार्यक्रमों में भी जुड़ने का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों को निवेश के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि भारत में शिक्षा से लेकर उद्यम तक हर क्षेत्र में बुनियादी रिफॉर्म किए गए हैं। सरकार उत्पादन आधारित इंसेंटिव भी दे रही है जिसका लाभ उठाया जा सकता है। 

प्रधानमंत्री के भाषण से पूर्व सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी ने भी मुख्य उद्बोधन दिया। इसमें उन्होंने भारत को सूरीनाम की और सूरीनाम को भारत की सॉफ्ट पावर कहा। राष्ट्रपति ने कहा कि सूरीनामी हिंदुस्तानी भाषा, संस्कृति और इतिहास की अपनी जड़ों से जुड़े हुए हैं। इस दौरान उन्होंने दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों को मजबूत करने का भी आवाहन किया।

कोविड-19 के चलते वर्चुअल माध्यम से आयोजित होने वाले इस वर्ष के प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन-2021 का विषय ‘आत्मनिर्भर भारत में सहयोग’ है। 

प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) भारत के विकास में प्रवासी भारतीय समुदाय के योगदान को चिह्नित करने के लिए हर साल 9 जनवरी को मनाया जाता है। 9 जनवरी के दिन 1915 में महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे। सबसे बड़े प्रवासी महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया।

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