देश भर में कोरोना के बढ़ते संक्रमण पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 27 अप्रैल को

संजय कुमार
नई दिल्ली (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में कोरोना के बढ़ते संक्रमण पर शुक्रवार को सुनवाई टाल दी है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर 27 अप्रैल को सुनवाई करेगा।
आज सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने खुद को एमिकस क्यूरी के पद से हटने की अनुमति मांगी। साल्वे ने कहा कि कुछ वकीलों ने चीफ जस्टिस के साथ हमारे स्कूल के दिनों के संबंधों की वजह से एमिकस क्यूरी नियुक्त करने पर सार्वजनिक रूप से एतराज जताया है। उन वकीलों ने कहा कि मुझे ये दायित्व उन्हीं संबंधों की वजह से मिला है। कोर्ट ने उनके इस आग्रह को स्वीकार करते हुए एमिकस क्यूरी के रूप में वकील अनुराधा दत्त को नियुक्त किया है।
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार का जवाब तैयार नहीं है। उन्होंने आज सुनवाई टालने की मांग की। उन्होंने कहा कि आज चीफ जस्टिस का अंतिम कार्य दिवस है। अच्छा होता कि लोग प्रेम से चीफ जस्टिस को विदाई देते। हम कटुता भरी बहस नहीं चाहते हैं। जस्टिस एल नागेश्वर राव ने कहा कि बड़े वकीलों से ऐसे बर्ताव की उम्मीद नहीं की जा सकती है। आदेश आने से पहले ही यह धारणा बनाई जाने लगी कि हम हाईकोर्ट की सुनवाई रोकना चाहते हैं। चीफ जस्टिस ने कहा कि हमने ऑक्सीजन के परिवहन में हो रही दिक्कत जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए सुनवाई शुरू की है।
कोरोना संक्रमण के बढ़ने पर हाईकोर्ट से मामलों की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर करने का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की है। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की अर्जी में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में उसे भी पक्षकार बनाए। देश भर में कोरोना के बढ़ते संक्रमण पर सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 22 अप्रैल को स्वत: संज्ञान लिया था। चीफ जस्टिस एसए बोब्डे की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि छह हाईकोर्ट ने इस मामले में कार्रवाई की है। यह सराहनीय है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि वह चार मसलों पर सुनवाई करना चाहता है। कोर्ट ने कहा कि हम ऑक्सीजन की सप्लाई, जरुरी दवाईयों की आपूर्ति, वैक्सिनेशन का तरीकों पर सुनवाई करना चाहते हैं। कोर्ट ने कहा कि वो चाहती है कि इस बात पर फैसला हो कि लॉकडाउन का अधिकार राज्य सरकारों के पास हों या नहीं।

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