देश के 112 आकांक्षात्मक जनपदों में बहराइच का तीसरा स्थान
नीति आयोग के सीईओ ने की डीएम शम्भु कुमार की प्रशंसा
संवाददाता
बहराइच। आकांक्षात्मक जनपद बहराइच ने नीति आयोग द्वारा निर्धारित सूचकॉकों स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा, कृषि एवं जल संसाधन, वित्तीय समावेश, कौशल विकास और बुनियादी ढॉचा में ओवर आल के साथ-साथ स्वास्थ्य एवं पोषण के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि अर्जित कर देश के 112 आकांक्षात्मक जनपदों की सूची में देश में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। जबकि मेघालय के रिभोई, छत्तीसगढ़ के बिजापुर, झारखंड के दुम्का व साहिबगंज को क्रमशः प्रथम, द्वितीय, चतुर्थ, पंचम व छठवां स्थान प्राप्त हुआ है। जनपद द्वारा अर्जित की गयी इस उपलब्धि के लिए नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कान्त द्वारा जिलाधिकारी शम्भु कुमार के कुशल नेतृत्व में ज़िले के अधिकारियों द्वारा टीम भावना के साथ किये गये सार्थक प्रयासों की सराहना की गयी है।
उल्लेखनीय है कि आर्थिक एवं शैक्षिक रूप से पिछड़े आकांक्षात्मक जनपद बहराइच के लिए नीति आयोग द्वारा निर्धारित इंडीकेटर्स पोषण एवं स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए क्षेत्रीय भ्रमण के दौरान जिलाधिकारी ने पाया कि जिले की विशेष भौगोलिक परिस्थिति जहॉ का ज्यादातर सुदूर क्षेत्र वनों से आच्छादित है, आस-पास संस्थागत प्रसव की सुविधा उपलब्ध न होने के कारण लोग असुरक्षित/घरेलू प्रसव को तरजीह दे रहे हैं। जिस कारण से जहॉ एक ओर जनपद में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर भी अधिक है वहीं दूसरी ओर नवजात बच्चों व धात्री महिलाओं के समक्ष पोषण जैसी बाधा भी खड़ी है।
नीति आयोग द्वारा स्वास्थ्य व पोषण के लिए निर्धारित सूचकॉकों में सुधार के लिए जिलाधिकारी ने एक मास्टर स्ट्रोक से एक कारगर हल तलाश करते हुए योजना कायाकल्प के तहत जनपद के सभी 99 उप स्वास्थ्य केन्द्रों का कायाकल्प ही नहीं कराया बल्कि वहॉ पर संस्थागत प्रसव तथा इलाज के लिए सभी मूलभूत संसाधनों व उपकरणों की उपलब्धता के साथ राउण्ड-द्-क्लाक ए.एन.एम की उपस्थिति सुनिश्चित कराते हुए उप स्वास्थ्य केन्द्रों को पूरी तरह से क्रियाशील कर दिया गया ताकि स्थानीय स्तर पर ही संस्थागत प्रसवों की सुविधा मुहैया कराकर असुरक्षित व घरेलू प्रसव को न्यून से न्यूनतम किया जा सके।
इसी प्रकार पोषण की समस्या के निदान के लिए आगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिका की स्थापना के साथ-साथ विभिन्न प्रकार रोचक व स्वादिष्ट व्यंजनों, स्थानीय फल, सब्जी व पोषक अनाजों को बढ़ावा दिया गया। इसके साथ ही माडल बीएचएनडी दिवसों का आयोजन, गुणवत्ता परक सुविधाएं उपलब्ध कराना, बच्चों का सम्पूर्ण टीकाकरण, आगनबाड़ी कार्यकत्री, आशा, एएनएम द्वारा स्वास्थ्य एवं पोषण सम्बंधी परामर्श को बढावा देने तथा समय-समय पर पर्यवेक्षण एवं गहन समीक्षा के परिणाम स्वरूप सुखद परिणाम यह रहा कि जनपद ने नीति आयोग द्वारा निर्धारित सभी इंडीकेटर्स के साथ-साथ स्वास्थ्य एवं पोषण के क्षेत्र में तीसरा स्थान अर्जित किया है। जिसके लिए जिलाधिकारी ने सभी सम्बन्धित अधिकारियों एवं कर्मचारियों के प्रयासों की सराहना की है।