दाह संस्कार में प्रयुक्त होगी गोबर से बनी उपली, नगर आयुक्त का निर्देश
प्रादेशिक डेस्क
लखनऊ। कान्हा उपवन में गाय के गोबर से बन रही लकड़ी (उपली) का श्मशान घाट में उपयोग होगा। शव दाह में इस्तेमाल हो रही लकड़ी के साथ 30 प्रतिशत उपली का इस्तेमाल जरूरी होगा। नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने रविवार को इस संबंध में निर्देश दिया है। नगर आयुक्त रविवार को कान्हा उपवन का निरीक्षण करने पहुंचे थे। इस दौरान कान्हा उपवन में 3769 गाय, 4578 नंदी और 796 बच्चे मिलाकर कुल 9143 गोवंशीय पशु मिले। गोबरी से बनी लकड़ी का ढेर देखकर उन्होंने कहा कि इसका उपयोग श्मशान घाट में अच्छा हो सकता है। लिहाजा बैकुंठ धाम, गुलाला घाट व आलमबाग के श्मशान घाट में इसे अनिवार्य किया जाए।
संयुक्त निदेशक पशु कल्याण डॉ. अरविंद कुमार राव ने गोबर से सीएनजी बनाने की परियाजना का जिक्र किया। नगर आयुक्त ने दोबारा टेंडर जारी कने का निर्देश दिया। गोमूत्र के उपयोग के लिए उन्होंने कहा कि जो कम्पनी या संस्थाएं आयुर्वेद की औषधियां बना रही है उनको गोमूत्र खरीदने के लिए आमंत्रित किया जाए। इसके लिए उन्होंने पत्र जारी करने को कहा। साथ ही, कान्हा उपवन में बन रहे गोनायल की मार्केटिंग के लिए एक पृथक यूनिट बनाने का निर्देश दिया। इस दौरान संयुक्त निदेशक पशु कल्याण डॉ अरविंद राव, अपर नगर आयुक्त अमित कुमार, राकेश यादव, मुख्य अभियन्ता राम नगीना त्रिपाठी व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।