..तो इसलिए हटे बलरामपुर के DM और SP
पवन अग्रवाल और विकास कुमार को सौंपी गई जिले की कमान
जानकी शरण द्विवेदी
गोंडा। देवीपाटन मण्डल में बलरामपुर के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक का शुक्रवार को तबादला कर दिया गया। सिद्धार्थ नगर के डीएम पवन अग्रवाल को बलरामपुर का नया डीएम बनाया गया है, जबकि यहां के डीएम रहे अरविंद सिंह को प्रतीक्षारत किया गया है। इसी तरह फर्रुखाबाद के पुलिस अधीक्षक विकास कुमार को बलरामपुर का नया एसपी बनाया गया है और यहां के एसपी रहे केशव कुमार को भी प्रतीक्षारत रखा गया है।
जानकार बताते हैं कि कई माह पूर्व डीएम और एसपी के बीच कानून-व्यवस्था को लेकर कुछ बिंदुओं पर मतभेद शुरू हुआ, जो लगातार बढ़ता गया। स्थिति यहां तक पहुंच गई कि दोनों अधिकारियों के बीच मनमुटाव की चर्चा आम जनता के बीच होने लगी। अवसर मिलते ही दोनों एक दूसरे के खिलाफ आरोप प्रत्यारोप करने लगे। पुलिस विभाग के खिलाफ थोड़ा सा भी गंभीर मामला मिलते ही डीएम मजिस्ट्रीयल जांच का आदेश देते हुए एसपी को पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश देने लगे, तो भूमि विवादों के कई मामलों में लेखपालों, राजस्व निरीक्षकों आदि की की भूमिका को लेकर एसपी ने राजस्व विभाग को कटघरे में खड़ा किया। दोनों के बीच मतभेद उस समय और बढ़ गया, जब जिले के नवसृजित गैंडास बुजुर्ग थाने के सामने की एक जमीन पर तत्कालीन थानाध्यक्ष पवन कुमार कन्नौजिया पर जबरन अवैध कब्जा करने का आरोप लगाते हुए भूस्वामी दलित युवक राम बुझारत ने 24 अक्तूबर 2023 को फेसबुक पर लाइव आकर आत्मदाह कर लिया। लखनऊ मेडिकल कॉलेज में उपचार के दौरान 30 अक्तूबर को उसकी मौत हो गई। इसके बाद डीएम द्वारा कराई गई मजिस्ट्रेटी जांच में तत्कालीन थानाध्यक्ष की भूमिका संदिग्ध पाई गई। डीएम ने थानाध्यक्ष को तत्काल प्रभाव से निलंबित करके उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराए जाने का निर्देश एसपी को दिया था। किंतु एसपी ने थानाध्यक्ष के खिलाफ एफआईआर दर्ज न करवाकर पुलिस जांच में दोषी पाए गए ग्राम प्रधान और लेखपाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवा दी। बताते हैं कि इस प्राथमिकी के बाद मनमुटाव और गहरा हो गया। इस बीच निलंबित थानाध्यक्ष पवन कुमार कन्नौजिया ने डीएम के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, तो इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ के न्यायमूर्ति अब्दुल मोईन ने अपने आदेश में कहा कि जिलाधिकारी को एफआईआर दर्ज कराने के लिए आदेश देने का अधिकार नहीं है। इसी के साथ अदालत ने तत्कालीन थाना प्रभारी के खिलाफ पारित जिलाधिकारी के आदेश पर अंतरिम रोक भी लगा दी। इस बीच आत्मदाह करके अपनी जान देने वाले दलित युवक की पत्नी कुसुमा द्वारा भी उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया गया था। इस पर भी उसी दिन सुनवाई करते हुए अदालत ने शासन को निर्देश दिया कि प्रकरण की जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेष जांच टीम गठित किया जाय। इस क्रम में उप्र शासन के अपर मुख्य सचिव (गृह) दीपक कुमार ने सतर्कता अधिष्ठान की पुलिस महानिरीक्षक मंजिल सैनी की अध्यक्षता में एक जांच टीम गठित किया, जिसमें बहराइच के अपर जिलाधिकारी गौरव रंजन श्रीवास्तव तथा गोंडा के अपर पुलिस अधीक्षक (पश्चिमी) राधेश्याम राय को सदस्य बनाया गया। इस टीम ने बुधवार को बलरामपुर पहुंचकर जारी शुरू किया था और आज (शुक्रवार को) जांच लगभग पूरी हो गई है।
चार दिन पूर्व जिले में जमीन विवाद से जुड़ी एक अन्य घटना ने दोनों अधिकारियों के बीच उस समय तल्खी और बढ़ गई, जब रेहरा बाजार थाना क्षेत्र के निवासी एक युवक ने कलेक्ट्रेट परिसर में दिन दहाड़े खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आत्मदाह का प्रयास किया। इस घटना के बाद जिला प्रशासन की तरफ से सूचना विभाग ने जो प्रेस नोट जारी किया, उसमें सीधे-सीधे पुलिस को निशाने पर लिया गया। हालांकि अगले दिन पुलिस विभाग की तरफ से जारी किए गए प्रेस नोट में सूचना विभाग के प्रेस नोट का आपरेशन करते हुए सफाई दी गई और पूरा मामला एक बार फिर राजस्व विभाग के मत्थे मढ़ दिया गया। सूत्र बताते हैं कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों तथा पार्टी के वरिष्ठ अधिकारियों के माध्यम से यह मामला कुछ माह पूर्व ही शासन में पहुंचने के बाद प्रकरण की खुफिया रिपोर्ट मंगाई गई। एक विश्वस्त सूत्र का कहना है कि मंडल के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने चुनाव के दौरान दो बार बलरामपुर जाकर दोनों अधिकारियों के बीच समझौता कराने का प्रयास किया, किंतु वे सफल नहीं हो सके और दोनों को अपने हाल पर छोड़ दिया। अंततः शासन ने आम जनमानस में लगातार हो रही किरकिरी से बचने के लिए बीती रात डीएम अरविंद सिंह का तबादला आदेश जारी करके उनके प्रतीक्षारत कर दिया गया और सिद्धार्थ नगर के डीएम रहे पवन अग्रवाल को यहां भेजा गया। शासन के निर्देश पर उन्होंने तत्काल बलरामपुर पहुंचकर कार्यभार ग्रहण कर लिया। इसके बाद आज दोपहर एसपी केशव कुमार का भी तबादला आदेश आ गया। उन्हें भी प्रतीक्षा में रखा गया है। फर्रुखाबाद के एसपी रहे विकास कुमार को यहां का नया एसपी बनाया गया है। बताते हैं कि श्रावस्ती सीट से लोकसभा के प्रत्याशी रहे भाजपा नेता साकेत मिश्र ने मुख्यमंत्री से मिलकर चुनाव में सहयोग के लिए डीएम की तारीफ की थी, किंतु जिले के विधायकों और पार्टी के पदाधिकारियों ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री से भेंटकर उनके कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा किया था। अन्ततः आपसी मतभेद के कारण लगातार हो रही फजीहत से बचने के लिए शासन ने दोनों को हटाकर प्रतीक्षा में डाल दिया।
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