….तो इसलिए बेटे को जेल भेजवाना चाहती है मां

प्रादेशिक डेस्क

गोरखपुर। बेटे की स्मैक की लत छुड़ाने के लिए मां उसे जेल भेजवाना चाहती है। उस मां की पीड़ा समझने के बजाए पुलिसकर्मी उस पर हंस रहे हैं। हालांकि, नशे का यह कारोबार जितनी तेजी से फैल रहा है और युवाओं को अपनी गिरफ्त में ले रहा है वह पुलिस की भूमिका पर भी सवाल है। यही वजह है कि अपने बेटे को नशे के कारोबारियों के गिरोह के चंगुल से मुक्त कराने के लिए मां को जेल ही सुरक्षित ठिकाना दिख रहा है।
चौरीचौरा थानाक्षेत्र के भोपा बाजार की रहने वाली कमलावती ने समाधान दिवस पर थाने पहुंच कर अपनी पीड़ा बयां की। मौजूद एसडीएम और सीओ को बताया कि साहब मेरा बेटा लालमन स्मैक का आदी है। नशे की लत छुड़वाने के लिए उसे बड़ी जेल भेजवा दीजिए। कहा कि लालमन को स्मैक के नशे ने इस कदर जकड़ा है कि वह सारी हदें पार कर रहा है। नशे में घर के लोगों को मारता पीटता है। नशे की खुराक के लिए अपने घर के साथ ही आसपास के घरों में भी चोरी कर लेता है। स्मैक नहीं मिला तो सुलेशन तक पी जाता है। कमलावती ने कहा कि अगर वह जेल जाएगा और लम्बे समय तक जेल में रहेगा तो उसकी नशे की लत छूट जाएगी। नशा मुक्ति केन्द्र तो हैं पर वहां भेजने के लिए पैसे नहीं हैं। स्मैकियों को पुलिस भी पकड़ना नहीं चाहती है अगर पकड़ती है तो तत्काल जेल भेजने की कोशिश करती है। लम्बे समय तक रखना है तो पुलिस उनके लिए स्मैक का इंतजाम करती है। इसकी सबसे बड़ी वजह यही है कि जब उन्हें नशे की जरूरत महसूस होती है तो वे बेकाबू हो जाते हैं। तोड़फोड़ करते हैं, उल्टियां करते हैं, खुद के शरीर को भी नुकसान पहुंचाते हैं।
ड्रग्स को लेकर पूरे देश में बवाल मचा है, गोरखपुर भी इससे अछूता नहीं है। स्मैक की लत ने यहां के युवाओं को जकड़ रखा है। शहर का राजघाट इलाका पहले स्मैक के लिए बदनाम था पर अब यह नशा शहर के अलग-अलग हिस्सों से फैलते हुए गांवों तक भी पहुंच गया है। कारोबारी शहर के अलग-अलग इलाकों में बैठकर नशे का सामान बेच रहे हैं। आलम यह है कि इस नशे ने अब तक दर्जनों की जिंदिगियां छीन ली हैं। कई नशेड़ियों ने नशे में दूसरों की जान भी ले ली है। देवरिया के रहने वाले 25 साल के अमित की भी नशे के चलते ही हादसे में मौत हुई थी। नशे का सामान लेने वह गोरखपुर आया था और सोनबरसा में फोरलेन फ्लाईओवर पर वह गाड़ियों का शिकार हो गया था। ट्रकों ने पूरी रात शव को रौंद दिया था। पास में मिले मोबाइल सिमकार्ड से उसकी पहचान हुई। पैंट की जेब से पुलिस ने स्मैक की पुड़िया भी बरामद की। परिवारीजन उसके गोरखपुर आने को लेकर हैरान थे लेकिन जेब से मिली पुड़िया ने कहानी अपने आप बयां कर दी।

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