डायबिटीज, कैंसर समेत कई रोगों के लिए रामबाण है नीम
नालेज डेस्क
कोरोना संक्रमण का पुख्ता उपचार अभी नहीं मिला लेकिन इन दिनों ढेर सारे औषधीय पौधों को इम्युनिटी बढ़ाने के लिए प्रयोग में लाया जा रहा है। इन्हीं में से एक है नीम, जो हमारे लिए कई तरह से फायदेमंद साबित हो रही है। हर जगह आसानी से मिलने वाले नीम के पेड़ का हर भाग औषधीय गुणों से भरपूर होता है। आयुर्वेद में इसका प्रयोग कई बीमारियों में किया जाता है। त्वचा की अधिसंख्य बीमारियों से निजात पाने में नीम की पत्तियां, छाल, और निमौरी का इस्तेमाल अलग-अलग तरह से होता है। कोविड-19 का संक्रमण अभी समाप्त नहीं हुआ और बारिश के चलते कई संक्रामक बीमारियों का संकट गहरा रहा है। इस मौसम में बैक्टीरिया व वायरस से होने वाले रोगों का संक्रमण तेजी से फैलता है। इनमें स्किन डिजीज, फंगल और बैक्टीरियल इंफेक्शन की बीमारियां हर उम्र के लोगों को घेरती हैं। नीम को संस्कृत में ‘अरिष्ट’ कहा जाता है। मतलब श्रेष्ठ, पूर्ण और कभी न खत्म होने वाला। जानें क्या कहती हैं कानपुर के राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय के चिकित्साधिकारी डॉ. अर्पिता सी. राज।
औषधीय गुणों से भरपूरः नीम में प्रचुर मात्रा में एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल तथा ब्लड प्यूरीफाइंग गुण पाए जाते हैं। इन्हीं गुणों के कारण यह त्वचा व रक्त संबंधी विकारों को दूर कर आंतरिक रूप से हाइड्रेट करके पोषण देती है। सबसे अच्छी बात यह है कि इसके प्रयोग से किसी तरह का दुष्प्रभाव नहीं होता है। सन एक्सपोजर तथा अल्ट्रावॉयलेट रेडिएशन से त्वचा में होने वाली टैनिंग, डार्क सर्कल्स तथा ब्लैकहेड्स में नीम की पत्तियों का पैक राहत देता है। जिन्हें हेयर फॉल, कम उम्र में बालों का सफेद होना, डैंड्रफ, रूखे और बेजान बालों की समस्या है, वे नीम के तेल या फिर सरसों के तेल में नीम की पत्तियों को उबालकर सिर की नियमित मसाज करें। त्वचा के संक्रमण जैसे छाले, फुंसियां और फोड़े में नीम की पत्तियों को पीसकर या नीम की छाल को घिसकर लेप लगाएं। इसकी पत्तियों को उबालकर उसके पानी से नहाने पर त्वचा के संक्रमण से बचा जा सकता है। नीम की पत्तियों का काढ़ा या नीम बटी गोली का नियमित सेवन करने से इम्युनिटी बिगड़ने का खतरा काफी कम हो जाता है।