डायबिटिक फुट अल्सर खतरनाक बीमारी : डा. ज्ञानचंद
लखनऊ(हि.स.)। डायबिटिक फुट अल्सर एक खुला घाव है, जो मधुमेह के लगभग 15 प्रतिशत रोगियों में होता है और आमतौर पर पैर के निचले हिस्से में स्थित होता है। 25 प्रतिशत मधुमेह रोगियों को अपने जीवनकाल में इस समस्या का सामना करना पड़ता है, जिनमें से 50 प्रतिशत संक्रमित हो जाते हैं और अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होती है, जबकि 20 प्रतिशत को अंग काटने की आवश्यकता होती है। यह जानकारी संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ के एंडोक्राइन सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डा.ज्ञानचंद ने दी।
डा. ज्ञानचंद ने बताया कि डायबिटिक फुट के कारण प्रति वर्ष दस लाख से अधिक लोग अपना अंग खो रहे हैं, यानी हर 30 सेकंड में दुनिया में कहीं भी एक अंग खो रहा है। यह विच्छेदन 30-60 वर्ष की आयु में अधिक आम है।
डायबिटिक फुट मैनेजमेंट पर होगी सीएमई
संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान का एंडोक्राइन सर्जरी विभाग 25 नवंबर 2023 को डायबिटिक फुट मैनेजमेंट पर एक दिवसीय सीएमई का आयोजन करने जा रहा है। यह सीएमई मेडिसिन, सर्जरी, ऑर्थोपेडिक सर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी, एंडोक्रिनोलॉजी और एंडोक्राइन सर्जरी सहित विभिन्न विशिष्टताओं के युवा डॉक्टरों को शिक्षित करेगा।
डा. ज्ञानचंद ने बताया कि मधुमेह रोगियों के उपचार में सामान्यतया पैर की उपेक्षा की जाती है और चिकित्सक भी इस समस्या के प्रबंधन में ज्यादा दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं, इसलिए हम इस समस्या की बेहतर देखभाल के लिए युवा डॉक्टरों को प्रशिक्षित करना चाहते हैं और मधुमेह रोगियों के बीच जागरूकता बढ़ाना चाहते हैं।
इस अवसर पर दिल्ली से हुबली, कर्नाटक से डॉ. सुनील कारी, वरिष्ठ सलाहकार मधुमेह पैर सर्जन, मधुमेह अंग बचाव विभाग के एचओडी, डॉ. सुरेश पुरोहित मधुमेह देखभाल चिकित्सक, हाइपोबेरिक मेडिसिन मुंबई व अन्य विशेषज्ञ डायबिटिक फुट के प्रबंधन पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
बृजनन्दन/पदुम नारायण