ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक होगी कि नहीं, फैसला गुरुवार को

-एएसआई ने चार सप्ताह तक सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक न करने का अनुरोध किया

वाराणसी (हि.स.)। ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग वाली याचिका पर बुधवार को जिला जज की अदालत में सुनवाई हुई। वादी पक्ष ने सर्वे रिपोर्ट को अपने अधिवक्ता के मेल पर देने की मांग की थी। अदालत में एएसआई ने सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक न करने की अपील करते हुए कम से कम चार हफ्ते तक रुकने की अपील की है। एएसआई का कहना है कि लोवर कोर्ट में भी सर्वे की द्वितीय प्रति दाखिल किया जाना है। इसमें कम से कम चार सप्ताह का समय लगेगा। ऐसे में चार सप्ताह तक रिपोर्ट को सार्वजनिक न किया जाए। प्रतिवादी मुस्लिम पक्ष ने भी किसी भी हालत में रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं करने की मांग पहले ही की है। अदालत ने इस मामले में सुनवाई टाल दी। अब गुरुवार को आदेश आ सकता है।

एएसआई ने 18 दिसंबर को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में हुए वैेज्ञानिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट जिला अदालत में सीलबंद लिफाफे में दाखिल की थी। रिपोर्ट दाखिल होते ही वादी हिन्दू पक्ष की महिलाओं की ओर से अदालत से सर्वे रिपोर्ट बिना सील लिफाफे में देने और सार्वजनिक करने की मांग की गई। वादी पक्ष ने कहा था कि सर्वेक्षण की रिपोर्ट उनके अधिवक्ता के ई-मेल पर भेजा जाए। इसका विरोध प्रतिवादी पक्ष ने किया था। प्रतिवादी पक्ष अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने आवेदन में कहा है कि यह बहुत गंभीर व संवेदनशील मामला है। संवेदनशीलता को ध्यान में रख रिपोर्ट को वादी सहित किसी दूसरे से साझा नहीं किया जा सकता है। रिपोर्ट सीलबंद कवर में दी जाए। अनुरोध किया कि शपथ पत्र लेने के बाद ही सर्वे की रिपोर्ट दी जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि सर्वे की रिपोर्ट लीक नहीं होगी। प्रतिवादी पक्ष ने कहा कि वादी पक्ष से हलफनामा लिया जाए कि रिपोर्ट को मीडिया या सोशल मीडिया पर न तो साझा करेंगे और न ही उस पर टिप्पणी होगी।

श्रीधर/सियाराम

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