जून माह में सीजन में पहली बार पहुंचा 42 डिग्री पारा, बारिश के आसार
-आसमान में बादलों की आवाजाही से लोगों को मिली लू से राहत
कानपुर(हि.स.)। चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बनने के बावजूद बुधवार को पश्चिमी हवाएं चलने से जून माह में इस सीजन में पहली बार तापमान 42 डिग्री पहुंच गया। इससे लोगों को भीषण परेशानी रही, लेकिन बीच-बीच में आसमान में बादलों की आवाजाही से लू से कुछ हद तक राहत मिल सकी। मौसम विभाग का कहना है कि धूल भरी आंधी के साथ हल्की बारिश की संभावना है।
चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एस एन सुनील पाण्डेय ने बुधवार को बताया कि अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 42.0 और न्यूनतम तापमान 23.0 डिग्री सेल्सियस रहा जो सामान्य से 4.3 डिग्री कम रहा। इसके पीछे आसमान में बादलों की आवाजाही रही। सुबह की सापेक्षिक आर्द्रता 50 और दोपहर की सापेक्षिक आर्द्रता 24 प्रतिशत रही। हवाओं की दिशाएं उत्तर पश्चिम रहीं जिनकी औसत गति 3.6 किमी प्रति घंटा रही। पूर्वानुमान के अनुसार अगले पांच दिनों में हल्के बादल छाए रहेंगे। इसके साथ ही धूल भरी आंधी के साथ हल्की वर्षा होने की संभावना है।
उन्होंने बताया कि पूर्वी मध्य और इससे सटे दक्षिण पूर्व अरब सागर के ऊपर चक्रवाती तूफान बिपरजोय धीरे-धीरे उत्तर दिशा में आगे बढ़ रहा है। यह गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया है। इसके अगले चौबीस घंटों के दौरान उत्तर की ओर बढ़ने और एक बहुत गंभीर चक्रवात में बदलने की उम्मीद है। इसके बाद यह उत्तर- उत्तरपश्चिम दिशा में आगे बढ़ेगा। पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर और उससे जुड़ने वाले क्षेत्रों पर बना हुआ है। एक प्रेरित चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र मध्य पाकिस्तान और पंजाब पर बना हुआ है। एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण छत्तीसगढ़ पर बना हुआ है। एक ट्रफ पूर्वी बिहार से पूर्वोत्तर मध्य प्रदेश, विदर्भ और तेलंगाना होते हुए उत्तर आंतरिक कर्नाटक तक जा रही है। एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र म्यांमार तट के पास बंगाल की पूर्वी मध्य खाड़ी के ऊपर बना हुआ है।
अजय/दीपक/पदुम नारायण