जूनियर डॉक्टरों के पक्ष में उतरे आईएमए और नर्सिंग होम एसोसिएशन
मेरठ(हि.स.)। लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज में तीमारदारों से मारपीट में जूनियर डॉक्टरों पर कार्रवाई के विरोध में बुधवार को जूनियर रेजीडेंट डॉक्टर एक दिन की हड़ताल पर रहे। जूनियर डॉक्टरों के पक्ष में आईएमए और मेरठ नर्सिंग होम्स एसोसिएशन भी उतर आई है। प्रदेश के ऊर्जा राज्य मंत्री डॉ. सोमेंद्र तोमर ने भी जूनियर डॉक्टरों के बीच पहुंच कर उनकी बात सुनी।
23 अक्टूबर की रात को कमालपुर गांव के एक बच्चे कुणाल का हाथ चारा काटने की मशीन में कट गया था। परिजन उसे लेकर एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में पहुंचे थे। यहां पर तीमारदारों और जूनियर डॉक्टरों के बीच विवाद हो गया। इसके बाद जूनियर डॉक्टरों ने तीमारदारों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। जूनियर डॉक्टरों ने महिलाओं को भी नहीं बख्शा और उनकी भी जमकर पिटाई की। इसका वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता ने तीन जूनियर डॉक्टरों को तत्काल निलंबित कर जांच बैठा दी।
पुलिस ने भी वीडियो के आधार पर चार जूनियर डॉक्टरों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया। इसके बाद से ही जूनियर डॉक्टर पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाकर लगातार विरोध कर रहे हैं। बुधवार को जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के बैनर तले जूनियर रेजीडेंट डॉक्टरों ने हड़ताल कर दी और मेडिकल कॉलेज में धरने पर बैठ गए। जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और मेरठ नर्सिंग होम्स एसोसिएशन ने भी अपना समर्थन दिया है।
आईएमए मेरठ के अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता के नेतृत्व में डॉक्टरों ने एसएसपी रोहित सिंह सजवाण से मिलकर जूनियर डॉक्टरों के मामले में निष्पक्ष जांच करने की मांग की। प्राचार्य कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे जूनियर डॉक्टरों ने जमकर नारेबाजी की और न्याय नहीं मिलने पर हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी। जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन से मेडिकल कॉलेज में ओपीडी और ऑपरेशन का कार्य प्रभावित हो रहा है।
प्रदेश के ऊर्जा राज्य मंत्री डॉ. सोमेंद्र तोमर ने जूनियर डॉक्टरों के बीच धरना स्थल पर पहुंच कर उनकी बात सुनी। राज्य मंत्री ने एसएसपी और सीओ सिविल लाइन से बात करके मामले की सही जांच करने को कहा। जूनियर डॉक्टरों का कहना है जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी, तब तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। मुकदमे वापस लिए जाएं और उनके खिलाफ कोई कार्रवाई न की जाए। मेडिकल कॉलेज के मीडिया प्रभारी डॉ. वीडी पांडेय का कहना है कि जूनियर डाक्टर एक दिन की सांकेतिक हड़ताल पर बैठे हैं। अपनी मांगों को लेकर उन्होंने प्राचार्य को ज्ञापन दिया।
कुलदीप/सियाराम