जिले में धूमधाम से मनाया गया गांधी जी एवं शास्त्री जी का जन्म दिवस
‘सपनों की टच-स्क्रीन’ अभियान के तहत बच्चो को दिया गया एंड्रॉयड मोबाइल फोन
संवाददाता
श्रावस्ती। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने जिस भारत का सपना देखा था, उसमें सिर्फ राजनैतिक आजादी नहीं थी, बल्कि एक स्वच्छ एवं विकसित देश की कल्पना भी की थी। उस कल्पना को लोगों द्वारा सेवा भाव ढंग से ही पूरा किया जा सकता है। हमारा देश आजादी के बाद बहुत तरक्की किया है, लेकिन अभी भी यदि हम सब लोग गांधी जी एवं शास्त्री जी के विचारों को आत्मसात करें, तो निश्चित ही हमारा देश और तरक्की करेगा तथा समाज में खुशहाली आयेगी। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी एवं शास्त्री जी के पद चिन्हों पर चलकर ही आगे बढ़ा जा सकता है। इसलिए आज के युग में भी जो समाज में बेहतर काम करते हैं, उन्हें पहचान अवश्य मिलती है। यह विचार महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री के जन्म दिवस के अवसर पर कलेक्ट्रेट परिसर में ध्वजारोहण लेने के बाद कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जिलाधिकारी टीके शिबु ने व्यक्त किया। उन्होंने स्लोगन दिया कि ‘न गंदगी करेगें न गंदगी करने देगें।’ उन्होने आहवान किया कि वे सभी स्वयं से, अपने परिवार से, अपने मुहल्ले में, गांव में और अपने कार्य स्थल पर सबसे पहले स्वच्छता अभियान से जुडे और इस अभियान को धरातल पर उतारे ताकि जन-जन को स्वस्थ्य रखा जा सके।
जिलाधिकारी ने कहा कि राष्ट्रपिता बापू जी ने जो ग्राम स्वराज का सपना देखा था उसको हम सब अभी तक शत-प्रतिशत आत्मसात नही कर पाये हैं जो चिन्ता का विषय है उन्होने कहा कि भारतीय स्वाधीनता आन्दोलन को नई दिशा और नई गति देने में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अप्रतिम योगदान है। सत्याग्रह तथा सविनय अवज्ञा आन्दोलन के माध्यम से उन्होने सभी वर्गों में आजादी की लौ को प्रज्वलित किया। देश की राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक समरसता के माध्यम से महात्मा गांधी का जन्म दिवस हमारे देश के उन सहस्त्रों ज्ञात व अज्ञात स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एवं क्रान्तिकारियों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का बेहतर अवसर है जिन्होने स्वतंत्रता संग्राम की बलिबेदी पर अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया। यह दिन हम सबको राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदर्शों, सिद्धान्तों व उनके सद्विचारों को अपनाने के साथ ही उनके पदचिन्हों पर चलने का सुअवसर प्रदान करता है।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी कुमार हर्ष ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी एवं शास्त्री जी में एक बहुत बड़ा गुण ये था कि उन्हे कभी गुस्सा नही आती थी और बहुत ही धैर्यवान व्यक्ति थे क्योंकि जिन व्यक्तियों के पास धैर्य और क्रोध पर नियत्रंण है निश्चित ही वो बहुत ही तरक्की करेगें। धैर्य रखने एवं क्रोध के नियंत्रण की सीख हमें गांधी जी एवं शास्त्री जी से लेनी चाहिए। उन्हाने कहा कि गांधी जी व शास्त्री जी ने बिना भेदभाव के लोक कल्याण के लिए सोंचा करते थे। उन्होने कहा कि यदि लोग स्वयं से साफ-सफाई के बारे में सोचने लगे तो किसी भी मिशन की जरूरत नही पड सकती है। इस अवसर पर राज्य कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष अवधेश कुमार यादव, आशुलिपिक अपर जिलाधिकारी केके वैश्य, प्रशासनिक अधिकारी ओम प्रकाश श्रीवास्तव, पूर्व डीजीसी शिव पूजन सिंह, ने भी अपना विचार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन विशेष अभिवक्ता राजस्व दिनेश कुमार ने किया।
गांधी जयन्ती के अवसर पर सपनों की टच-स्क्रीन”अभियान के तहत बच्चों को ऑनलाईन शिक्षा हेतु एंड्रॉयड मोबाइल फोन वितरण किया गया जिससे कि बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई करेंगे और अपनी प्रतिभा को निखारेंगे सपनों की टच-स्क्रीन”अभियान की शुरुआत पिरामल फाउंडेशन के गाँधी फेलो सोनू प्रसाद, पूजा चैधरी और हरिधर खिमावत ने बेसिक शिक्षा विभाग के साथ मिलकर किया। जिला बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों द्वारा नामित बच्चों को फोन वितरण करके इस अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं ताकि इस अभियान को एक अलग उंचाई प्रदान की जा सके। इस अभियान के तहत नये/पुराने मोबाइल फोन का कलेक्शन किय जा रहा है तथा उन फोन को जिले के मेधावी जरूरतमंद छात्र/छात्राओं को दिया गया। फोन का उपयोग छात्र/छात्राएं अपने शिक्षा सम्बंधित गतिविधियों में करेगें, ताकि उनकी शिक्षा इस महामारी में भी प्रभावित होने से बच सकें। इस अभियान की रुपरेखा जिला प्रशासन एवं शिक्षा विभाग के दिशा निर्देश में पिरामल फाउंडेशन टीम ने तैयार किया है जो लोगों तक इस अभियान को पहुँचा सके ताकि जरुरत मंद बच्चों को मोबाइल फोन दे सकें ताकि उनकी पढाई अनवरत रूप से चलती रहे ा इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी योगानन्द पाण्डेय के साथ ही अतिरिक्त उप जिला मजिस्ट्रेट आरपी चौधरी, मुख्य कोषाधिकारी गिरीश कुमार, आशुलिपिक चन्द्रमौली श्रीवास्तव, मंशाराम, नाजिर अनूप तिवारी, विपिन चटर्जी, अश्वनी यादव,, आपदा सलाहकार सहित तमाम विभागों के अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे।