जब चोरी हुई तो दिल्ली सरकार के सीसीटीवी कैमरों की खुली पोल
नई दिल्ली। दक्षिणी-पूर्वी दिल्ली के एक घर में जब चोरों ने अपना हाथ साफ कर दिया तो कॉलोनी में दिल्ली सरकार द्वारा लगाए गए सीसीटीवी कैमरों की पोल खुल गयी। सरकार ने जो कैमरे लगाए थे वे काम ही नहीं कर रहे थे। हुआ यूं कि दक्षिणी-पूर्वी दिल्ली के डीडीए फ्लैट्स के एक मकान से चोरों ने ताला खोल कर लाखों के जेवरात चोरी कर लिए और ताले को भी ज्यों का त्यों लगा गए। पीड़ित कुट्टी ने को बताया कि वे और उनकी पत्नी जॉब करते हैं। कोरोना में मेरी जॉब चली गयी, मैं आज-कल घर पर ही रहता हूं और मेरी पत्नी जॉब पर जाती है। आठ सितम्बर को मैं दिन के करीब बारह बजे घर से ताला लगा कर दोस्त के घर चला गया था। तीन बजे शाम जब लौटा तो ताला खुल ही नहीं रहा था। पड़ोसी से पिलास मांग कर जेसे तैसे ताला खोला, तो में अंदर देख कर हैरान रह गया। हमारी गुल्लक टूटी हुई थी। हालांकि गुल्लक में ज्यादा पैसे नहीं थे। लेकिन जब मैने अलमारी देखी तो पता चला कि चोरों ने अलमारी में रखे गहने साफ कर दिये। चोर मेरे करीब तीन लाख के गहने ले उड़े। इनकी एफआईआर मैने बदरपुर थाने में करा दी है। अब जब मैने गली में लगे दिल्ली सरकार के कैमरे की रिकॉर्डिंग स्थानीय आरडब्ल्यूए से मांगी तो पता चला कि कैमरे कई महीनों से खराब चल रहे हैं। डीडीए बदरपुर आरडब्ल्यूए के महामंत्री हिलाल खान ने बताया कि दिल्ली सरकार द्वारा लगाए गए सीसीटीवी केमरे पिछले कई महीनों से खराब पड़े है। चार बार हम लोग लिखित रूप में इसकी शिकायत कर चुके है, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई, कोई सुनने वाला नहीं है। जिनके घर में चोरी हुई वे मेरे सामने ही रहते हैं, लेकिन इसमें हम क्या कर सकते है? सरकार को कैमरे की मरम्मत का भी ख्याल रखना चाहिए। सरकार के करोड़ों रुपये मिट्टी में मिल रहे हैं। उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार ने पिछले साल एक लाख चालीस हजार सीसीटीवी कैमरे लगाने की घोषणा की थी। जिसके अंतर्गत हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम दो हजार सीसीटीवी कैमरे लगाने थे। इसी के अंतर्गत कई कॉलोंनियों में सीसीटीवी कैमरे लगे थे।