जन्माष्टमी पर कान्हा के लिए मुस्लिम कारीगर तैयार कर रहे पोशाक
वृुंदावन : कान्हा के घर में हिन्दू-मुस्लिम एकता की अनूठी मिसाल कायम है। मुस्लिम कारीगर कान्हा के साथ-साथ हिंदू देवी देवताओं को धारण कराई जाने वाली पोशाक एवं मुकुट श्रंगार को इबादत मानकर तैयार करते हैं। इस बार भी जन्माष्टमी निकट है, इसलिए कन्हैया की पोशाक बनाने में मुस्लिम कारीगर जुट गए हैं।
भगवान की पोशाक और मुकुट श्रंगार तैयार के लिए यहां दर्जनों कारखाने चल रहे हैं। जहां करीब एक हजार से अधिक मुस्लिम कारीगर दिन-रात मेहनत कर काम कर रहे हैं। इन दिनों कारीगर जन्माष्टमी के लिए पोशाक एवं मुकुट श्रंगार तैयार करने में जुटे हुए हैं। वह ठाकुरजी की पोशाक बनाने को भी पूजा मानते हैं। उन्हें गर्व है कि देश-विदेश के मंदिरों समेत घर-घर में विराजमान भगवान उनके हाथ की बनाई पोशाक धारण कर रहे हैं।
कुछ सौ से लेकर हजारों तक दाम
जन्माष्टमी के लिए नई-नई वैराइटी और डिजाइन की ठाकुर जी की पोशाक देश-विदेश भेजी जा रही हैं। स्थानीय भक्त भी डिजाइनर पोशाक पसंद कर रहे हैं। जरदोजी, आरी, स्टोन वर्क, कुंदन वर्क, रेशम वर्क, सिरोस्की एंड सॉफ्टी वर्क से तैयार मोर, तोता, कमल, सूरजमुखी, माखन मिश्री, कलश, गणेशजी, वन उपवन, चिड़िया, गाय, रथ, भगवान पर जल बरसाते हाथी आदि डिजाइन की पोशाक खरीदी जा रही हैं। इसके दाम भी 100-150 से लेकर हजारों तक में हैं। पोशाक एवं मुकुट श्रंगार शोरूम संचालक कपिल अग्रवाल ने बताया कि जन्माष्टमी पर्व के लिए इस बार उनके यहां कई वैराइटी की डिजाइनर पोशाक उपलब्ध हैं।