चुनाव चिन्ह का धरना-प्रदर्शन में राजनीतिक दलों के इस्तेमाल पर चुनाव आयोग से जवाब तलब
प्रयागराज (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चुनाव चिन्ह को राजनीतिक दलों द्वारा रैलियों व प्रदर्शनों में प्रयोग करने की वैधता के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर भारतीय निर्वाचन आयोग को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का अतिरिक्त समय दिया है।
कोर्ट ने याची को अन्य राष्ट्रीय पार्टियों को पक्षकार बनाने की छूट दी है। याचिका की अगली सुनवाई 22 फरवरी को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति संजय यादव तथा न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने गोरखपुर से सपा नेता व सामाजिक कार्यकर्ता कालीशंकर की जनहित याचिका पर दिया है।
याचिका में राष्ट्रीय पुष्प कमल को बीजेपी का चुनाव चिन्ह घोषित करने की वैधता को चुनौती दी गई है। सुनवाई के दौरान चुनाव चिन्ह के दुरूपयोग का मुद्दा उठा। जनप्रतिनिधित्व कानून आयोग को चुनाव लड़ने के लिए चिन्ह आवंटित करता है। जिसका राजनीतिक दल हमेशा इस्तेमाल करते हैं। यह सवाल भी उठा है कि राजनीतिक दलों का चुनाव चिन्ह को हमेशा इस्तेमाल करने की अनुमति निर्दलीय प्रत्याशियों के प्रचार करने के अधिकार के अवसर को कम करता है। जो निष्पक्ष चुनाव के मानकों के विपरीत है। कोर्ट ने आयोग व सरकार से जवाब मांगा था। निर्वाचन आयोग के अधिवक्ता ने कोर्ट से अतिरिक्त समय मांगा है। जिस पर कोर्ट ने समय देते हुए सुनवाई की तिथि 22 फरवरी नियत की है।