चीन से निपटने को भारत और अमेरिका के मजबूत संबंध जरूरीः विवेक रामास्वामी

वाशिंगटन (हि.स.)। अगले साल प्रस्तावित अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में दावेदारी पेश कर रहे भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी का मानना है कि चीन से निपटने के लिए भारत और अमेरिका के संबंध मजबूत होना जरूरी है। उन्होंने अमेरिका की सुरक्षात्मक मजबूती पर भी जोर दिया।

भारतीय मूल के उद्यमी से राजनेता बने विवेक रामास्वामी ने अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी से राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने के लिए दावेदारी की है। विदेश नीति को लेकर प्रतिद्वंद्वियों के निशाने पर आए विवेक का कहना है कि अमेरिका की चीन और ताइवान पर निर्भरता खत्म करने का सबसे अच्छा तरीका भारत और अमेरिका के संबंधों को और मजबूत करना है। उन्होंने भारत, दक्षिण कोरिया और जापान के साथ मजबूत संबंधों का आह्वान किया।

रामास्वामी ने कहा कि अमेरिका आज चीन पर आर्थिक रूप से निर्भर है, लेकिन भारत के साथ मजबूत संबंधों की मदद से चीनी संबंधों से आजादी घोषित करना आसान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका को अंडमान सागर में सैन्य संबंध समेत भारत के साथ मजबूत रणनीतिक संबंध भी रखने चाहिए। यदि आवश्यक हुआ तो भारत मलक्का जलडमरूमध्य को अवरुद्ध कर सकता है, जहां से वास्तव में चीन को अधिकतर पश्चिम एशियाई तेल की आपूर्ति मिलती है। इसलिए अमेरिका-भारत संबंधों में ये सुधार के वास्तविक क्षेत्र हैं।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति बनने पर वे चीन-ताइवान पर आर्थिक निर्भरता कम करने के लिए दक्षिण कोरिया और जापान सहित अन्य सहयोगियों के साथ मजबूत साझेदारी करेंगे। रामास्वामी ने कहा कि जब तक अमेरिका सेमीकंडक्टर हासिल नहीं कर लेता, तब तक अमेरिका को ताइवान की सख्ती से रक्षा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अमेरिका कुछ चीजों को लेकर ताइवान पर निर्भर है, इसलिए चीन को पूरी तरह से कब्जा नहीं करने दे सकते हैं। ताइवान को खुद अपनी सेना को मजबूत करने पर भी ध्यान देना चाहिए।

संजीव/पवन

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