चीन सीमा विवाद मु्द्दे पर संसद में चर्चा कराने को अड़ी कांग्रेस

नई दिल्ली। पड़ोसी देश चीन के साथ सीमा पर विवाद के मुद्दे पर विपक्षी दल सरकार को संसद के मानसून सत्र में घेरने में लगे हैं। ऐसे में सत्र के पहले दिन कांग्रेस सांसदों ने चीन मामले पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव भी दिया था लेकिन सदन में चर्चा नहीं हो सकी। बाद में सरकार की ओर से कहा गया कि मंगलवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह संसद में बयान देंगे। अब कांग्रेस पार्टी ने रक्षामंत्री के बयान को नाकाफी बताया है। विपक्षी पार्टी का कहना है कि यह विषय काफी गंभीर है और इस पर चर्चा होनी चाहिए। साथ ही विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए रक्षामंत्री जरूर विषयवस्तु को समझा सकेंगे।

संसद में सीमा विवाद पर स्पष्टिकरण के तौर पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के बयान जारी करने को लेकर कांग्रेस के मुख्य सचेतक के. सुरेश ने मंगलवार को कहा कि मंत्री का बयान विषय की गंभीरता के लिहाज से नाकाफी है। उन्होंने कहा कि भले ही रक्षामंत्री बयान देने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं लेकिन केवल बयान ही पर्याप्त नहीं है। हम लद्दाख और भारत-चीन सीमा मुद्दे पर विस्तृत चर्चा चाहते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से दिया जाने वाला कथन, विपक्ष को प्रश्न पूछने की अनुमति नहीं देगा लेकिन चर्चा में सभी को अपनी बात कहने का मौका मिलेगा। ऐसे में सीमा सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा है और इस पर चर्चा कराये जाने की आवश्यकता है।

उल्लेखनीय है कि विपक्षी पार्टियां चीन के साथ चल रहे गतिरोध पर लगातार संसद में चर्चा की मांग कर रही हैं। इसी क्रम में बीते दिन लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भारत-चीन सीमा पर तनाव के मुद्दे को उठाने का प्रयास किया लेकिन स्पीकर ने उनसे इस विषय को कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में उठाने को कहा​​।​ चौधरी ने कहा था कि हमें भारतीय सेना पर गर्व है लेकिन हमें गलवान ​घाटी ​की घटना पर चिंता व्यक्त करने का अधिकार है।

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