चीन पर भारत सरकार ने कसा और शिकंजा

अब सरकारी कंपनियों में चीनी सेवाओं, वस्तुओं और ठेकों पर लगा प्रतिबंध

नेशनल डेस्क

नई दिल्ली। भारत सरकार ने चीन को एक और बड़ा झटका दिया है। गुरुवार (23 जुलाई) देर रात वित्त मंत्रालय ने नियमों में संशोधन करते हुए सरकारी कंपनियों में चीन और पाकिस्तान की वस्तुओं, सेवाओं और ठेके पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। मामले से जुड़े दो करीबी सूत्रों ने गोपनीयता की शर्त पर इस बात की जानकारी दी।
वित्त मंत्रालय ने जारी एक बयान में कहा कि भारत सरकार ने सामान्य वित्तीय नियम (जीएफआर) 2017 में संशोधन किया है। इसके तहत राष्ट्रीय सुरक्षा के तहत भारत की सीमा से लगे देशों को भारत में किसी ठेके या बोली में भाग लेने से रोकने का अधिकार होगा। नया नियम सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों, स्वतंत्र निकाय और सरकारी निजी भागीदारी (पीपीपी) से जुड़ी सभी परियोजनाओं और परियोजनाओं पर लागू होगा जिसमें सरकार वित्तीय मदद करती है। बयान में कहा गया है कि राज्य सरकारों को भी ऐसा करने के निर्देश दे दिए गए हैं। वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले व्यय विभाग ने दो अलग-अलग आदेश पारित किए। पहले आदेश उन देशों के लिए नियम हैं जिनकी सीमाएं भारत से जुड़ी हैं और जिनके उत्पाद और सेवाओं को प्रतिबंधित किया गया है। जबकि दूसरे आदेश में नेपाल और भूटान जैसे पड़ोसी देशों के बारे में चर्चा है जिन्हें भारत से विशेष रियायत मिली हुई है। वित्त मंत्रालय ने इसके लिए राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर सूचित किया है और नए नियमों के अनुसार कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
दूसरी ओर, भारत ने बृहस्पतिवार को उम्मीद जताई कि चीनी पक्ष पूर्वी लद्दाख से अपने सैनिकों को पूरी तरह हटाने, तनाव कम करने और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता की पूर्ण बहाली के लिए नयी दिल्ली के साथ ’’ईमानदरी“ से काम करेगा। पूर्वी लद्दाख में सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए शुक्रवार को कूटनीतिक स्तर की एक और दौरकी वार्ता होने की संभावना है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने एक ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि विमर्श एवं समन्वय कार्य तंत्र के ढांचे के तहत भारत और चीन के बीच कूटनीतिक स्तर की एक और दौर की वार्ता जल्द होने की उम्मीद है। घटनाक्रम से अवगत लोगों ने कहा कि इस कूटनीतिक वार्ता के शुक्रवार को होने की संभावना है और इसमें मुख्य ध्यान पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग सो तथा विवाद के कुछ अन्य बिन्दुओं से सैनिकों को तेजी से पीछे हटाने पर केंद्रित होगा।

error: Content is protected !!