गोरखपुर मण्डल की छः मंड़ियां ई-नाम राष्ट्रीय कृषि बाजार से जुड़ीं, किसानों को मिलेंगे असीमित खरीददार व्यापारी
गोरखपुर (हि.स.)। किसानों को उनकी फसल से मिलने वाली उपज को एक बाजार उपलब्ध कराने की कोशिशें तेज है। इससे किसानों को अपनी उपज का वाजिब मूल्य मिलने का रास्ता खुलेगा। इसके लिए भारत सरकार ने ई-नाम (राष्ट्रीय कृषि बाजार) योजना लागू कर किसानों की आय बढ़ाने प्रयास तेज किया है। गोरखपुर मण्डल में अब तक 06 मण्डियां जुड़ गईं हैं। इनमें गोरखपुर, सहजनवा, देवरिया, परतावल, आनन्दनगर और नौतनवा को शामिल किया गया है।
सचिव कृषि उत्पादन मण्डी समिति ने इसकी जानकारी दी। बताया कि ई-नाम यह एक पैन-इंडिया इलेक्ट्रानिक पोर्टल है। जिसके माध्यम से अपनी उपज को प्रदेश के किसी भी ई-नाम मण्डी में बेंचा जा सकता है। इस योजना के अन्तर्गत किसान के उपज की ऑनलाइन बिक्री के लिए किसान और उसकी उपज का विवरण ई-नाम पोर्टल पर डाल दिया जाता है। उनके मुताबिक जिसे देश के हर कोने का पंजीकृत कोई भी व्यापारी देख सकता है। वह भी अपने मन मुताबिक क्रय विक्रय प्रक्रिया में भाग ले सकता है। इस प्रकार किसान को अपनी उपज के विक्रय के लिए असीमित क्रेता व्यापारी उपलब्ध होंगे।
बता दें कि भारत सरकार द्वारा ई-नाम योजना का प्रारम्भ 14 अप्रैल 2016 को शुरू किया गया था और राज्य की 20 मण्डियों को इसमें शामिल किया गया था।
किसान हित मे हैं मण्डियांहेरिटेज फाउंडेशन की अनीता अग्रवाल ने केंद्र व प्रदेश सरकार की इस पहल को किसानों के हित में बताया है। इनका कहना है कि वर्तमान में देश के 18 राज्यों की 1000 मण्डियों को इस योजना से जोड़ा जा चुका है। फिलहाल अभी 175 कृषि उत्पादों का कारोबार इस योजना के तहत हो रहा है। केवल उत्तर प्रदेश में 125 मण्डियों को ई-नाम से जोड़ा जा चुका है। निश्चित ही किसानों को उनके उत्पाद का प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य मिलने का रास्ता खुला है।
क्या है ई-नाम राष्ट्रीय कृषि बाजारयह एक अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स ट्रेडिंग पोर्टल है जिससे मौजूदा कृषि उपज विपणन समितियों (एपीऍमसी) और अन्य कृषि मंडियों के नेटवर्क से जोड़कर एक विशाल बाज़ार का निर्माण किया है I राष्ट्रीय कृषि बाज़ार कहने को तो वर्चुअल बाजार है, लेकिन यह किसी भी किसान या व्यापारी को देश की किसी भी कृषि मंडी में समान खरीदने व बेचने की सहूलियत देता है I