गोण्डा में करीब छह अरब की लागत से बने लगभग पांच लाख शौचालय

जानकी शरण द्विवेदी

गोण्डा। जिले में वर्ष 2014 से अब तक करीब छह अरब रुपए की लागत से लगभग पांच लाख शौचालय बनवाने का काम पूरा हो चुका है। भारत सरकार द्वारा दिए गए लक्ष्य के सापेक्ष यह लगभग शत प्रतिशत है। यह जानकारी देते हुए जिलाधिकारी डा. नितिन बंसल ने बताया कि जिले की 1054 ग्राम पंचायतों में स्वच्छ भारत मिशन के तहत भारत सरकार द्वारा 04 लाख 99 हजार 318 शौचालय निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसके सापेक्ष अब तक 04 लाख 98 हजार 988 शौचालय बन चुके हैं। उन्होंने बताया कि शौचालय निर्माण हेतु 05 अरब 98 करोड़ 78 लाख 56 हजार रूपए की धनराशि का भुगतान लाभार्थियों को किया गया है। इसके अतिरिक्त ग्राम पंचायतों में सामूहिक सुविधा को ध्यान में रखते हुए जिले की 1054 ग्राम पंचायतों में 1054 सामुदायिक शौचालय निर्माण का लक्ष्य दिया गया है जिसमें 1054 सामुदायिक शौचालयों के सापेक्ष वर्तमान में 872 सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद की सभी 1054 ग्राम पंचायतों को खुले में शौंच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया जा चुका है। जिलाधिकारी ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा स्थानीय स्तर पर शवों के अन्तिम संस्कार हेतु 74 अन्त्येष्टि स्थलों का निर्माण कार्य कराया गया है, जिसके निर्माण में 14 करोड़ 54 लाख 46 हजार रूपए की धनराशि व्यय हुई है। इसी प्रकार ग्राम पंचायतों के कार्यालयों, उनकी बैठकों के आयोजन तथा ग्राम स्तर पर पंचायत सचिव की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उनके आवास की व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए 211 पंचायत भवनों का निर्माण कराया जा चुका है तथा जनपद में इस योजना के तहत शासन द्वारा 53 नए पंचायत भवनों के निर्माण का आवंटन प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि 53 नए पंचायत भवन के निर्माण हेतु शासन से 5 करोड़ 88 लाख 46 हजार 545 रूपए की धनराशि प्राप्त हुई है तथा पंचायत भवनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
जिलाधिकारी ने कहा कि स्वच्छता अभियान में जनसामान्य की भागीदारी सुनिश्चित करने तथा लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने लिए शासन के निर्देशानुसार तमाम गतिविधियों का संचालन किया गया, जिसमें वैयक्तिक सम्प्रेषण, घर-घर जाकर संपर्क करना और प्रेरित करना, भागदारीपूर्ण सामाजिक एकजूटता के साथ ग्राम स्तर पर संचार तंत्र को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से ग्राम स्तरीय प्रेरकों, स्वच्छता दूत, स्वच्छता सन्देशवाहकों के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम चलाए गए। इसके अतिरिक्त आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, विद्यालय शिक्षक एवं सीएसओ, एनजीओ, एसएचजी एवं अन्य संगठनों का भी सहयोग लिया गया है। समय-समय पर स्वच्छता गोष्ठियों का आयोजन किया गया। जिसके परिणाम स्वरूप जनपद में स्वच्छता अभियान में कामयाबी हासिल हुई है और वर्तमान में लगभग हर घर में शौचालय बना हुआ है और लोग उसका उपयोग भी कर रहे हैं।

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