गाजियाबाद में क्रिकेट खेलने के विवाद में युवक की हत्या करने वाले सात दोषियों को उम्रकैद
गाजियाबाद (हि.स.)। क्रिकेट खेलने को लेकर हुए विवाद में युवक की हत्या करने वाले सात दोषियों को अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने शुक्रवार को उम्रकैद की सजा सुनाई। न्यायालय ने प्रत्येक दोषी पर 16-16 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता सोमपाल सिंह ने बताया कि थाना बहादुरगढ़ क्षेत्र के आलमनगर में रहने वाला किशन पाल अपने दोस्तों के साथ दिसंबर 2007 में बैट-बॉल खेल रहा था। इसी दौरान धनपत एवं अन्य लोगों के साथ उसका झगड़ा हो गया। इसमें पुलिस ने शांति भंग की धाराओं में दोनों पक्षों के खिलाफ कार्रवाई की थी। इसके बाद 28 दिसंबर 2007 को किशनपाल की गांव के कुछ लोगों ने छुरी, चाकू और लाठी-डंडों से हत्या कर दी। इस मामले की रिपोर्ट परिवार के लोगों ने पुलिस में दर्ज कराते हुए धनपत, शेरा, कालू संतोष, हर प्यारी, सुंदर और सतीश समेत अन्य को नामजद कराया था।
पुलिस ने रिपोर्ट के आधार पर सभी आरोपितों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। इस मामले में पुलिस ने 22 फरवरी 2008 को कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। गुरुवार को मामले की अंतिम सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शिवकुमार तिवारी की अदालत में हुई। दोनों पक्षों की ओर से 13 गवाह पेश किए गए। कोर्ट ने पेश सबूत और गवाहों के बयान के आधार पर धनपत, शेरा, कालू, संतोष, हरप्यारी, सुंदर और सतीश को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई, साथ ही प्रत्येक दोषी पर 16-16 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।
फरमान अली