गांवों के विकास के बिना प्रदेश और देश का विकास संभव नहीं : केशव प्रसाद मौर्य
लखनऊ (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सोमवार को इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित खण्ड विकास अधिकारियों की एक दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया। इस कार्यशाला में प्रदेश के समस्त विकास खण्डों के खण्ड विकास अधिकारी शिरकत कर रहे हैं।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि गांवों के विकास के बिना प्रदेश व देश का विकास संभव नहीं है। जब गांव का सर्वांगीण विकास हो जाता है तब विकास की पूर्णता होती है। आज भी अधिकांश आबादी गांव में रहती है। गांव के लिए हमारे पास योजनाएं भी हैं। अपेक्षाएं भी हैं उसे पूरा करने वाले आप सब यहां बैठे हैं। उन्होंने कहा कि 2047 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को बनाने का जो लक्ष्य है। गांवों को अगर हम विकसित नहीं करेंगे तो वह स्वप्न साकार नहीं हो पायेगा।
गांवों को आदर्श स्वरूप प्रदान करें
उप मुख्यमंत्री ने खण्ड विकास अधिकारियों से अपील की है कि वह गांवों को आदर्श स्वरूप प्रदान करें। अमृत सरोवर जो आपकी उपलब्धि है उसे सुन्दर व आकर्षक बनायें उस पर अमृत वाटिका लगवायें। विलुप्त नदियां व नालों को मनरेगा के माध्यम से पुनर्जीवित कराएं।
उन्होंने कहा कि 2025 के कुंभ में 50 करोड़ लोग प्रयाग आयेंगे । यह हमारे लिए गर्व की बात है। आज उत्तर उत्तर प्रदेश में कई तीर्थस्थल हैं उनका बडे पैमाने पर विकास हुआ। पहले वाराणसी में 15 से 20 हजार श्रद्धालु आते थे अब इस समय दो से तीन लाख लोग प्रतिदिन आ रहे हैं। अब अयोध्या में भी राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। मां विन्यवासिनी और मथुरा वृन्दावन का विकास हो रहा है। देश के कोने कोने से लोग उत्तर प्रदेश आते हैं। जो लोग अयोध्या आयेंगे कुछ लोग अपने—अपने साधनों से आयेंगे। इसलिए बाहर से आने वाले लोगों को उत्तर प्रदेश के गांवों का एक आदर्श स्वरूप दिखे इसके लिए हमें काम करना है।
सरकारी योजनाओं पर गरीबों का पहला हक
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सरकार के पास जो संसाधन है उस पर गरीबों का पहला हक है। इसलिए सरकारी योजनाओं का लाभ गरीबों को दें लेकिन उन्हें काम करने के लिए प्रेरित भी करें। उन्होंने कहा कि हर घर नल से अभियान चल रहा है। उसकी प्रशंसा की जगह आलोचना हो रही है। इसलिए जो लोग पाइप बिछाने का काम कर रहे हैं सड़क बनाकर सौंपने की जिम्मेदारी भी उनकी है। यह भी हमें देखना है। गांव से भागकर लोग शहर आयें इसे रोकना होगा।
बृजनन्दन/पदुम नारायण