गर्मी में खेतों की जुताई से नष्ट होते हैं खरपतवार और कीड़े मकोड़े
कानपुर (हि.स.)। गर्मी के दिनों में मिट्टी की जुताई की जाती है तो सूर्य की रोशनी उन पर सीधी पड़ती, जिससे मिट्टी में वायु संचार बढ़ जाता है। इसके साथ ही सूर्य की तेज किरणें जैसे मिट्टी के अन्दर सीधी जाती है तो खरपतवारों के बीज सहित हानिकारक कीड़े मकोड़े भी मर जाते है जो आने वाले फसल के लिए लाभदायक होता है। ऐसा कृषि वैज्ञानिकों का कहना है।
चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के मौसम वैज्ञानिक डॉ.एस.एन.सुनील पांडेय ने बुधवार को जानकारी देते बताया कि गेहूं की कटाई के बाद अगर किसान धान की अच्छी पैदावार लेना चाहते हैं तो खेत में गहरी जुताई करनी चाहिए जिससे भूमि की ऊपरी सतह नीचे और निचली सतह ऊपर आ जाए। गर्मियों के महीने में आप गहरी जुताई करते हैं, तो इससे कई तरह के लाभ मिलते हैं। इससे उत्पादन के साथ-साथ अगली फसल में खरपतवार भी नहीं देखने को मिलेगी।
कीटों के अंडे हो जाते हैं नष्ट
गर्मियों में जमीन की गहरी जुताई करने से कीटनाशक नियंत्रित होते हैं। ऐसे कीट होते हैं जो अपने अंडों को मिट्टी की गहराई में रख देते हैं और पहली बारिश के साथ विकसित होना शुरू हो जाते हैं। जब गर्मियों में गहरी जुताई की जाती है, जिससे अंडे ऊपर आ जाते हैं और पक्षियों द्वारा इनको नष्ट कर दिया जाता है।
खरपतवारों का होगा अंत
किसान भाई अगर गर्मियों के महीने में खेत की गहरी जुताई करते हैं, तो बहुत सी बहुवर्षीय खरपतवारों को रोका जा सकता है। इन खरपतवारों की जड़ जमीन में काफी गहरी फैली हुई होती है। अगर गर्मियों में गहरी जुताई दो-तीन बार की जाए, तो यह जड़ से नष्ट हो जाते है।
जुताई से मिलेगी नाइट्रोजन
अगर जमीन के गहरी जुताई कर दी जाती है, तो भरपूर मात्रा में वायु संचार होता है। सूरज की किरणें जब मिट्टी के अंदर जाती है, तो पौधे खनिज पदार्थों को आसानी से ग्रहण कर लेते है। जुताई करने के बाद जमीन को धूप और वायु प्राप्त भरपूर मात्रा में मिलती है, जिससे मिट्टी में नाइट्रोजन तेजी से बनता है।
इस तरीके से करें खेत की जुताई
डॉ.पांडेय ने बताया कि गर्मियों में 15 सेंटीमीटर गहरी जुताई करनी चाहिए। खेत में ढाल के आधार पर जुताई करनी चाहिए। अगर ढाल पूर्व से पश्चिम की ओर है, तो जुताई उत्तर से दक्षिण की ओर करनी चाहिए। जुताई करने के लिए डिस्क हैरो सबसे बेस्ट रहता है।
राम बहादुर/बृजनंदन