खुद को आईजी बताकर पूर्व मंत्री और रिटायर्ड इंस्पेक्टर को धमकाया

बांदा (हि.स.)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी को आईजी पुलिस ने धमकाया तो वह सन्न रह गए। असलियत सामने आने पर नकली आईजी के खिलाफ कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। पुलिस पूरे मामले की विवेचना कर रही है। कॉल करने वाला व्यक्ति लोगों को फोन कर डराता-धमकाता और उनसे अवैध वसूली करता है।

इस मामले की रिपोर्ट रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर लखनऊ निवासी इजहार खां ने दर्ज कराई है। रिटायर्ड इंस्पेक्टर ने कोतवाली में दी गई तहरीर में बताया कि वह सेवानिवृत्त होने के बाद निजी तौर पर पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी की सेवा में है। तीन अप्रैल को वह नसीमुद्दीन के साथ उन्ही के वाहन से लखनऊ से बांदा आया । गाड़ी में नसीमुद्दीन सिद्दीकी उनका ड्राइवर और एक अंगरक्षक भी था। जैसे ही हमारी गाड़ी बांदा शहर पहुंची। तभी 3.33 बजे मेरे मोबाइल नम्बर पर एक अज्ञात मोबाइल नंबर से व्हाट्सएप कॉल आया। कॉल करने वाले व्यक्ति ने आईजी पुलिस की वर्दी पहन रखी थी। जिस पर उसका नाम शिवकुमार लिखा था।

वह मुझसे कहने लगा कि तुम्हारे बेटे को गलत काम करते हुए चार अन्य लोगों के साथ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मैंने कहा कि आप कहां से बोल रहे हो, तो उसने कहा कि मैं सदर थाने से बोल रहा हूं और कहा कि मैं एक नंबर बताता हूं जिसमें 50 हजार रुपये भेज दो। वरना आपका बेटा जेल चला जाएगा। इस पर मैंने जवाब दिया कि मेरा कोई बेटा बाहर नहीं है । आप कहां और किस शहर के सदर थाने से बोल रहे हैं । उसने उत्तर दिया कि नोएडा के सदर थाने से बोल रहा हूं।

इस पर मेरे बगल में बैठे पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने मोबाइल ले लिया और कहा कि नोएडा में कोई सदर थाना नहीं है। इस पर वह गाली-गलौज करने लगा और कहने लगा कि जो कहा है, वह करो नहीं तो जिंदा नहीं बचोगे। यह सुनकर नसीमुद्दीन सिद्दीकी सन्न रह गए। आनन-फानन में व्हाट्सएप कॉल में आई फोटो सेव की गई और मुकदमा दर्ज कराने के लिए मुझे नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने सलाह दी। मैंने तत्काल कोतवाली को घटना की जानकारी दी। जिसके आधार पर पुलिस ने अभियोग पंजीकृत कर लिया है। इस संबंध में कोतवाली पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है।

अनिल/दीपक/सियाराम

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