क्रिसमस: फुल गास्पल चर्च में फोन पर बुकिंग शुरू, अनुमति लेकर प्रार्थना में हो सकेंगे शामिल
गोरखपुर (हि.स.)। कोरोना वायरस ने समाज के हर वर्ग को रोक दिया है। यहां तक कि धार्मिक, सामाजिक और वैवाहिक आयोजनों पर भी कोरोना का प्रकोप हावी है। अब ‘क्रिसमस’ के आयोजन पर भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की तैयारियां हैं। विभिन्न चर्च में अभी से सरकार की गाइडलाइन के पालन को सख्त बनाया जा रहा है।
क्रिसमस पर्व में शामिल होने वालों की संख्या निर्धारित की जा रही है। इतना ही नहीं, प्रार्थना में शामिल होने वालों को पहले से ही अनुमति लेनी होगी। फिलहाल यह व्यवस्था मोती पोखरा स्थित फुल गास्पल चर्च में शुरू हो गई है। लोगों ने फोन से सीट बुकिंग करनी शुरू कर दी है। प्रार्थना में सीधे तौर पर शामिल न हो पाने वालों को भी निराशा नहीं होगी। वे घर से ऑनलाइन आयोजन में शामिल हो सकेंगे।
क्रिसमस पर चर्च में विशेष प्रार्थना और उत्सव के दौरान भीड़ नहीं होगी। तैयारियां शुरू हैं। हालांकि कुछ चर्च में फादर या पुरोहित से अनुमति लेकर विशेष प्रार्थना और उत्सव में शामिल होने के लिए सीट बुक कराने की व्यवस्था हो रही है। चर्च प्रशासन ने यह कदम शासन की गाइड लाइन को ध्यान में रखकर उठाया है। धार्मिक आयोजन में सौ से अधिक लोग शामिल नहीं होंगे। सीट बुकिंग का काम फोन पर भी हो सकेगा।
सहभोज, मेला, नाटक और खेलकूद का नहीं होगा आयोजनक्रिसमस पर चर्च परिसर में हजारों की संख्या में लोग उत्सव मनाने व प्रार्थना में शामिल होने के लिए पहुंचते हैं। लेकिन, कोरोना महामारी के चलते इस बार कई बदलाव देखने को मिलेंगे। मेला, खेलकूद, नाटक एवं सहभोज के आयोजन नहीं होंगे। बिना मास्क किसी को चर्च में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
सौ-सौ लोग कर सकेंगे प्रार्थनातैयारी के मुताबिक अधिकतम सौ लोगों के चर्च में आने के बाद गेट बंद कर दिया जाएगा। प्रार्थना करके जब लोग निकल जाएंगे, तो अन्य लोगों को अंदर जाने दिया जाएगा। सेल्फी लेने के मकसद से चर्च आने वालों को इस बार निराश होना पड़ेगा।
बुकिंग से भीड़ रोकने का प्रयासफुल गास्पल चर्च के रेव्ह एबी लाल ने बताया कि भीड़ रोकने के लिए बुकिंग की व्यवस्था है। फोन से या चर्च आकर रजिस्टर में नाम दर्ज करा सकते हैं। क्रिसमस के दिन सूची में शामिल नाम के आधार पर ही प्रवेश दिया जाएगा। देर से आने वालों की जगह दूसरे को प्रवेश दिया जाएगा। शास्त्री चौक स्थित क्राइस्ट चर्च के पुरोहित ने बताया कि भीड़ रोकने के लिए पुलिस और प्रशासन से मदद ली जाएगी। एक साथ सौ लोगों को ही चर्च में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। प्रभु यीशु के दरबार में कोई वीआईपी नहीं है। जो पहले आएगा, उसे पहले प्रवेश दिया जाएगा। यदि शासन की कोई नई गाइडलाइन जारी होती है, तो उस पर अमल होगा।
प्रार्थना में शामिल हो सकेंगे ऑनलाइन बच्चों एवं बुजुर्गों के अलावा जो क्रिसमस का जश्न मनाने चर्च नहीं जा पाएंगे, उनके लिए ऑनलाइन व्यवस्था रहेगी। यह लोग फेसबुक लाइव, व्हाट्सएप ग्रुप, गूगल मीट और जूम एप के जरिए प्रार्थना और जश्न में शामिल हो सकेंगे।