कोर्ट ने सुनीं बृजभूषण शरण सिंह की आंशिक दलीलें, 10 अगस्त को भी सुनवाई होगी

नई दिल्ली (हि.स.)। भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह आज दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल ने आरोप तय करने के मामले पर आज बृजभूषण शरण सिंह की ओर से आंशिक दलीलें सुनीं। आरोप तय करने पर कल यानी 10 अगस्त को भी सुनवाई होगी।

बृजभूषण शरण सिंह की ओर से वकील राजीव मोहन ने दलील देते हुए कहा कि कानून के मुताबिक बृजभूषण शरण सिंह के ऊपर लगाए गए सभी आरोपों पर अलग-अलग जांच और चार्जशीट भी अलग-अलग दाखिल की जानी चाहिए थी जबकि एक मामले में सभी 6 शिकायतकर्ताओं की शिकायतों के आधार पर एक ही चार्जशीट दाखिल कर दी गई।

उन्होंने कहा कि पहली शिकायतकर्ता ने बृजभूषण के ऊपर जो आरोप लगाए हैं, उनमें से दिल्ली, बरेली और लखनऊ की तीन घटना ही भारत में हुईं, जो कोर्ट के क्षेत्राधिकार में आते हैं। बाकी देश के बाहर हुई हैं। ऐसे में देश के बाहर की घटनाओं को लेकर लगाये गए आरोप कोर्ट के क्षेत्राधिकार में तब तक नहीं आएगा, जब तक अनुमति नहीं ली जाती। बृजभूषण की ओर से कहा गया कि मंगोलिया, जकार्ता में हुई घटना का ट्रायल भारत में नहीं चल सकता, क्योंकि अपराध प्रक्रिया संहिता के तहत जहां पर घटना हुई है, ट्रायल भी वहीं होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि पहली शिकायतकर्ता ने बृजभूषण शरण सिंह के ऊपर कर्नाटक के बेल्लारी में शोषण का आरोप लगाया है। लखनऊ और दिल्ली में अशोका रोड और सिरीफोर्ट ऑडिटोरियम में शोषण की घटना का आरोप लगाया है। उसका ट्रायल भी दिल्ली में नहीं किया जा सकता है। बृजभूषण के वकील ने कहा कि शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि बृजभूषण ने उसको 20-25 सेकेंड के लिए कस कर गले लगाया, 21 अशोका रोड में उसको टच किया और सिरीफोर्ट में गले लगाया है। उन्होंने कहा कि कुश्ती में अमूमन मेल कोच ही होते हैं और जब कोई ब़ड़ा इवेंट होता है तो वहां पर अक्सर देखने को मिलता है कि कोच खिलाड़ियों को लगे लगा लेते हैं। इसको गलत कहना सही नहीं।

उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ताओं ने बृजभूषण शरण सिंह के ऊपर 2017 और 2018 के आरोपों पर 2023 में शिकायत दर्ज कराई जबकि शिकायत में देरी को लेकर कोई भी ठोस वजह देने की बजाय कहा गया कि वह अपने कैरियर को लेकर दबाव में थी, इसलिए शिकायत नहीं दर्ज करा सकीं। उन्होंने कहा कि अभी हम चार्ज फ्रेम करने के स्टेज पर हैं लेकिन चार्ज फ्रेम करने को लेकर कानूनी बाधाओं को हल किए बिना आरोप तय नहीं किया जा सकता है।

कोर्ट ने 20 जुलाई को बृजभूषण शरण सिंह और भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व असिस्टेंट सेक्रेटरी विनोद तोमर को जमानत दी थी। जमानत देते हुए कोर्ट ने कहा कि बिना कोर्ट की अनुमति के वे विदेश नहीं जा सकते हैं। कोर्ट ने कहा था कि वे किसी शिकायतकर्ता या गवाह को धमकाने या प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे। सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने न तो जमानत याचिका का विरोध किया था और न ही समर्थन।

इससे पहले 15 जून को दिल्ली पुलिस ने राऊज एवेन्यू कोर्ट में छह बालिग महिला पहलवानों के लगाए गए यौन उत्पीड़न के मामले में चार्जशीट दाखिल की है। चार्जशीट में बृजभूषण शरण सिंह के अलावा भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व असिस्टेंट सेक्रेटरी विनोद तोमर पर भारतीय दंड संहिता की धारा 354, 354डी, 354ए और 506 (1) के तहत आरोप लगाए गए हैं।

संजय/सुनीत/दधिबल

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