कोरोना संक्रमित सपा विधान परिषद सदस्य एसआरएस यादव का निधन



लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और उप्र विधान परिषद सदस्य एसआरएस यादव का राजधानी के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में सोमवार देर रात निधन हो गया। वह पिछले दिनों कोरोना संक्रमित पाए गए थे। इसके बाद उनका इलाज एसजीपीजी आई कोविड वार्ड में चल रहा था।
एसआरएस यादव पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव और पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के बेहद करीबी लोगों में शामिल थे। मुलायम जब पहली बार मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने एसआरएस यादव को अहम जिम्मेदारी ​थी। एसआरएस हमेशा उनके विश्वसनीय लोगों में रहे। लोग उन्हें बाबूजी कहकर सम्बोधित करते थे।
इसके बाद जब अखिलेश यादव ने पार्टी की कमान संभाली तब भी एसआरएस अपनी जिम्मेदारी को बखूभी निभाते रहे। पार्टी कार्यालय से जुड़ी अहम जिम्मे​दारियां उन्ही के पास रहीं और उन पर सभी का हमेशा से विश्वास कायम रहा। लगभग 27 साल से वह समाजवादी पार्टी के प्रदेश कार्यालय का कामकाज देख रहे थे। वर्ष 2016 में सपा ने उन्हें विधान परिषद में भेजा उनका कार्यकाल 5 जुलाई 2021 तक था। वह मनोनीत क्षेत्र से एमएलसी थे। 
उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने एसआरएस यादव के निधन का संदेश जानकर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि कोऑपरेटिव बैंक से लेकर विधान परिषद तक का सफर तय करने में उनकी कर्मठता सहनशीलता और कार्यकुशलता की वजह से ही लोगों में बाबूजी के रूप लोकप्रिय रहे। 
अखिलेश यादव ने उनके निधन पर कहा कि सपा के वरिष्ठ नेता, एमएलसी व पार्टी कार्यालय के प्रभारी एसआरएस यादव के कोरोना से निधन पर हम सब स्तब्ध हैं। प्रदेश ने आज एक समर्पित समाजवादी खो दिया है। उनको भावपूर्ण नमन व श्रद्धांजलि।
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने बताया कि एसआरएस के निधन पर केंद्रीय कार्यालय दिल्ली में भी एक शोक सभा की गई। इसमें उपस्थित सभी लोगों ने दो मिनट का मौन धारण करके  यादव के दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान की और परिवार को इस गंभीर संकट की घड़ी में धैर्य रखने की भगवान से प्रार्थना की।
उन्होंने कहा कि एसआरएस यादव पार्टी में आने के बाद से लेकर अपने जीवन के अंतिम समय तक पूरे समर्पित भाव से पार्टी की सेवा में लगे रहे। वह समाजवादी पार्टी कार्यालय उत्तर प्रदेश के प्रभार के साथ-साथ पार्टी संबंधित विभिन्न मुद्दों पर भी अपनी सटीक और निष्पक्ष राय रखते थे। उनके निधन से समाजवादी पार्टी को अपूरणीय क्षति हुई है। उनके सम्मान में समाजवादी पार्टी के केंद्रीय कार्यालय का झंडा आधा झुका दिया गया है।

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