कोरोना वैक्सीन के बावजूद फ़ेस मास्क होगा जरूरी
ललितमोहन बंसल
लॉस एंजेल्स (हि.स.)। कोरोना वैक्सीन की डोज़ लेने के बावजूद क्या फ़ेस मास्क लगाना अनिवार्य होगा? अभी वैक्सीन बाज़ार में आई नहीं है लेकिन यह सवाल संक्रामक रोग विशेषज्ञों से बराबर पूछा जा रहा है। अमेरिका के महामारीविद डाक्टर एंथनी फोचि ने गुरुवार को कहा कि एक असरदार वैक्सीन की डोज़ लेने के बावजूद फ़ेस मास्क, सामाजिक दूरी और बीस सेकंड तक हाथ धोने से जल्दी पीछा नहीं छूटेगा। इसके पूर्व उन्होंने कहा था कि कोरोना संक्रमण एक-दो साल तक जारी रहने की संभावनाएं हैं।
अमेरिका के राष्ट्रीय एलर्जी और संक्रामक रोग संस्थान के निदेशक डाक्टर एंथनी फोचि ने कहा कि ऐसा सोचना ग़लत होगा कि कोरोना वैक्सीन शत-प्रतिशत असरदार होगी और इसे सौ प्रतिशत लोगों तक पहुंचाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि हम 75 से 80 प्रतिशत लोगों को कोरोना वैक्सीन की डोज़ /इंजेक्शन देने में सफल हो जाते हैं तो यह बहुत बड़ी सफलता होगी।
डाक्टर फोचि गुरुवार को न्यू जर्सी गवर्नर फ़िल मर्सी से सीधे बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बातचीत के दौरान यों भी मुंह से भाप के ‘ग़ुब्बारे’ छूटते हैं, इसलिए कोरोना के पूरी तरह निदान होने तक फ़ेस मास्क लगाना अनिवार्य है। उनका संस्थान इस संबंध में जल्द ही एक दिशा-निर्देश जारी करेगा।
वैक्सीन कब आएगी :
राष्ट्रीय संक्रामक रोग संस्थान के निदेशक डाक्टर फ़्रांसिस कोलिंस ने कहा है कि कोरोना वैक्सीन विकसित किए जाने की दिशा में तीन उम्मीदवार पूरी तैयारी के साथ मैदान में हैं। उनके तीसरे क्लीनिकल ट्रायल में अधिकतम एक से डेढ़ महीने का समय लगेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिकी एफडीए वैक्सीन की दिशा में नए क़ायदे-क़ानून बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। विचार-विमर्श जारी है। एफडीए कमिश्नर स्टीफ़न हान ने कहा है कि उनका विभाग वैक्सीन के पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावशाली होने के बाद ही बाज़ार में इसे जारी किए जाने की अनुमति देगा।