कोरोना के कारण टीकाकरण से छूटे इस वर्ष पैदा हुए बच्चों की तलाश करेगी योगी सरकार
लखनऊ। प्रदेश में कोरोना संक्रमण का असर टीकाकरण पर भी पड़ा है। लॉकडाउन के दौरान जहां सभी व्यवस्थाएं बाधित होने के कारण सरकारी अस्पतालों में टीकारण नहीं हो पाया, वहीं बाद में इसके शुरू होने के बावजूद बड़ी संख्या में बच्चे इससे वंचित रह गए। इन सबके मद्देनजर योगी सरकार इस वर्ष जन्म लेने वाले बच्चों की अक्टूबर माह में व्यापक अभियान चलाकर जानकारी जुटाएगी और फिर नवम्बर से तीन महीनों में इनका टीकाककरण कराया जाएगा।
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद के मुताबिक प्रदेश में मार्च महीने से जब से कोरोना प्रारम्भ हुआ, तब से बहुत बच्चे टीकाकरण से छूट गए। इसलिए सरकार ने निर्णय किया है कि 01 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक संचारी रोगों की रोकथाम के लिए चलने वाले दस्तक अभियान में इस पर भी काम किया जाएगा।
इस दौरान आशा वर्कर और आंगनवाड़ी कार्यकत्रियां घर-घर जाकर लोगों को डेंगू, चिकनगुनिया, जेई-एईएस आदि संचारी रोगों के प्रति जागरूक करेंगी। कोरोना के लक्षण वाले संदिग्ध मरीजों की जानकारी जुटाएंगी। वहीं वह टीकाकरण से वंचित रह जाने वाले बच्चों की भी पूरी सूची तैयार करेंगी। इस तरह 15 दिनों में पूरे प्रदेश में इस वर्ष जन्म लेने वाले बच्चों की खोजबीन करते हुए उनका ब्योरा जुटाया जाएगा।
अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने बताया कि प्रदेश में हर वर्ष लगभग 55 लाख बच्चों का जन्म होता है। ये बच्चे हमारा आना वाला कल हैं। इनके टीकाकरण की कार्रवाई बेहद अहम है, क्योंकि इसकी बदौलत ये कई गम्भीर बीमारियों से सुरक्षित रहते हैं। इसलिए अक्टूबर माह में टीकाकरण से वंचित बच्चों की पूरी जानकारी एकत्र होने के बाद नवम्बर से तीन महीनों का प्रदेशव्यापी अभियान चलाया जाएगा। इसमें सभी बच्चों का टीकाकरण सुनिश्चित किया जाएगा। इस तरह नवम्बर से लेकर जनवरी तक सभी बच्चों का टीकाकरण कर लिया जाएगा। इस दौरान सामान्य टीकाकरण से लेकर जरूरत के मुताबिक बूस्टर डोज दी जाएगी।