कोकोपिट विधि को अपनाएं गन्ना किसान, बदलेगी किस्मत : करन सिंह
– ”गन्ने से किसान कैसे लाभ कमाएं” विषय पर रखा विचार
– ढांढा चीनी मिल द्वारा आयोजित कोकोपिट ट्रेनिंग कार्यक्रम
कुशीनगर (हि.स.)। कसया ब्लॉक के मठिया माधोपुर गांव में गुरुवार को आयोजित किसान संगोष्ठी को संबोधित करते हुए ढांढा चीनी मिल के अधिशासी अध्यक्ष करन सिंह ने कहा कि गन्ना किसान कोकोपिट विधि को अपनाएं। किस्मत बदल जाएगी। न सिर्फ पैदावार दोगुनी होगी, बल्कि आय बढ़ने से जीवन शैली में आशातीत बदलाव भी दिखने लगेगा।
वे ढांढा चीनी मिल की ओर से आयोजित कोकोपिट ट्रेनिंग कार्यक्रम में आये गन्ना किसानों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने ”गन्ने से किसान कैसे लाभ कमाएं” विषय पर बोल रहे थे।
उपाध्यक्ष गन्ना, सुरेंद्र कुमार उपाध्याय ने कहा कि इस क्षेत्र में 15 जून से बारिश शुरू होकर अक्टूबर अंत तक चलती है। इससे फसलें बर्बाद होती हैं। ऐसे में परिस्थितियों के हिसाब से खेती में बदलाव जरूरी है। किसानों को प्रकृति के साथ सामंजस्य बैठना होगा। नवंबर और मार्च दोनों में बोया जाने वाला गन्ना खराब होने के मौके अधिक रहते हैं। इसलिए तकनीक का सहारा लेना जरूरी है।
सहायक महाप्रबंधक डीडी सिंह ने बताया कि कुल गन्ना बुवाई रकबा का 60 प्रतिशत गन्ना अक्टूबर में बोयें। अधिक लाभ के लिए सहफसली खेती करें। आलू, लहसुन, प्याज, मिर्च जैसी सह-फसली खेती करें। सरसों बोयें। फिर फरवरी-मार्च में गन्ना बोयें। पैदावार अधिक मिलेगी। खेत के भीतर गन्ने की उम्र बढ़ाएं।
गन्ना प्रबंधक संजय मिश्रा ने गन्ना के साथ गेहूं की सह-फसली खेती के बारे में विस्तर से बताया। 18 से 20 कुंतल प्रति एकड़ उपज मिलने की बात कही। इसके बावजूद 350 कुंतल प्रति एकड़ गन्ने की उपज मिलने का दावा किया।
लखीमपुर से आये कोकोपिट ट्रेनर अमनदीप सिंह ने कहा कि कोकोपिट पाली टर्र तकनीक से गन्ने की दो से ढाई महीने की आयु बढ़ती है। एक एकड़ के लिए 10 हजार पौधे जरूरी हैं। 25 दिन बाद बुवाई होगी। उपज चार सौ कुंतल प्रति एकड़ मिलेगी। आमदनी प्रति एकड़ दोगुना होगी।
ध्यान रखें किसान
– सिंगल बड कटर से निकाली गई आंख के टुकड़ो का शोधन करें।
– मीडियम उम्र के गन्ने को ही बीज के रूप में उपयोग करें।
– टुकड़ों की बजाय पौध तैयार करें। फिर उसकी बुवाई करें।
– 10 से 11 महीने के गन्ने के बीज अच्छे होते हैं
– ताजा बीज बुवाई के लिए अच्छा है।
– सिंगल बड कटर से इसको काटें
– 40-40 लीटर पानी से भरा दो टब लें
– बुझा हुआ चुना 300 ग्राम पहले टब में डालें
– दूसरे टब के 40 लीटर पानी में 80 ग्राम हेक्जा स्टॉप, 100 एमएल जर्मीनेटर, 80 एमएल ह्यूमिक एसिड 98 प्रतिशत और 40 एमएल एमिडा क्लोराइड डालकर शोधित करें।