कैंसर पीड़ित मुस्लिम युवक को खून देकर हिन्दु युवक ने पेश की एकता की मिसाल
-अस्पताल में खून की कमी से गंभीर हालत में पहुंचे मरीजों के लिये ब्लड बैंक समिति बनी मददगार
हमीरपुर। सदर अस्पताल में शनिवार को खून की कमी से जीवन मौत से संघर्ष कर रहे कैंसर पीड़ित मुस्लिम युवक की नाडिय़ों में हिन्दु युवक का खून दौड़ते ही बिस्तर से उठ पड़ा। वहीं एक गर्भवती महिला को मुस्लिम युवक ने अपना खून देकर उसकी जान बचायी।
बुन्देलखंड ब्लड बैंक समिति के जिलाध्यक्ष अशोक निषाद गुरु ने आज शाम बताया कि हमीरपुर शहर के पटकाना मुहाल निवासी मोहम्मद राफे पिछले चार सालों से कैंसर बीमारी से जूझ रहे है। आज इनकी हालत खराब होने पर उन्हें सदर अस्पताल ले जाया गया जहां खून की कमी होने पर डाक्टरों ने हाथ खड़े कर दिये। ब्लड बैंक समिति ने बी निगेटिव खून की डिमांड को चौलेन्ज के रूप में लिया और इन्हीं के भांजे राकेश निषाद को खून देने के लिये तैयार किया गया। राकेश ने अस्पताल पहुंचकर इस मुस्लिम मरीज को हंसते हुये अपना एक यूनिट खून दान कर दिया। कैंसर मरीज के नाडिय़ों में खून दौड़ते ही वह बिस्तर से उठ बैठा।
शाम होते बुन्देलखंड ब्लड बैंक समिति ने एक और बड़ा काम किया। सदर अस्पताल में इलाज के लिये आयी मौदहा निवासी गर्भवती महिला राखी पत्नी देव प्रकाश को रहीस खान ने स्वतंत्रता दिवस पर खून दान कर उसकी जान बचायी है। इस महिला को बी पाजिटिव खून की कमी थी। ब्लड बैंक में भी इस ग्रुप का खून नहीं था। हालत में सुधार होते ही महिला के परिजनों ने समिति के पदाधिकारियों और रक्तदाता का हाथ जोड़कर आभार जताया है। बुन्देलखंड ब्लड बैंक समिति के जिलाध्यक्ष गुरु ने बताया कि उनका एक ही लक्ष्य है कि सदर अस्पताल में कोई भी मरीज खून की कमी से दम न तोड़े। इसके लिये पूरी टीम को सक्रिय किया गया है। अभी तक इन्होंने ढाई दर्जन से अधिक मरीजों को खून की व्यवस्था कराकर मौत के मुंह से बचाया है।