कृषि में शोध और तकनीक को किसानों तक पहुंचाएं : आनंदीबेन पटेल
– कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित 16वें दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति ने लिया भाग
मेरठ (हि.स.)। प्रदेश की राज्यपाल और कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने कहा कि हमें खाद्यान्न सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु विश्वविद्यालय स्तर पर इस प्रकार के शोध करने चाहिए, जो समय व मांग के अनुसार हो। उनको अपनाकर किसानों की आय में भी बढोतरी हो सके। उन्होंने कहा कि आज के युग में नई मशीनें, ड्रोन आदि तकनीकों को किसानों तक पहुँचाना होगा। इस प्रकार की तकनीक से जहाँ एक ओर लागत मूल्य में कमी आयेगी, वहीं दूसरी ओर किसानों के श्रम एवं समय की भी बचत होगी।
सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में बुधवार को 16वें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने की। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 22 छात्रों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पदक प्रदान किए। 22 में से 15 पदक छात्राओं को मिले। इससे पहले राज्यपाल ने प्रशिक्षित महिलाओं द्वारा लगाए गए स्टॉल का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने महिलाओं से बातचीत भी की। साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकतार्ओं को किट का वितरण किया। कुलपति डॉक्टर केके सिंह ने राज्यपाल का स्वागत किया।
राज्यपाल ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय पश्चिमी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों में सकारात्मक ऊर्जा के साथ सतत प्रगति कर रहा है। महिला सशक्तिकरण के लिए महिला अध्ययन केन्द्रों को स्थापित कर बालिकाओं एवं महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वाभिमान, आर्थिक स्वावलम्बन की ओर प्रेरित करना चाहिए। विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक व शोध छात्र भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए अपनी शोध योजना बनाएं। वे योजनाएं पर्यावरण अनुकूल, टिकाऊ, कम लागत में उत्पादन देने वाली हों। प्राकृतिक संसाधनों का कम दोहन करने वाली, पर्यावरण पर कोई विपरीत प्रभाव न डालती हो, क्योंकि यदि कृषि की पद्धतियां बहुत महंगी होंगी तो कृषि उत्पादन महंगा होगा। फलस्वरूप प्रत्येक उपभोक्ता को खाने-पीने की वस्तुओं हेतु तुलनात्मक रूप से अधिक मूल्य चुकाना होगा। इस प्रकार से उपभोक्ता वस्तुओं के दाम बढ़ेंगे।
मुख्य अतिथि आईआईटी खड़गपुर के निदेशक प्रो. वीरेंद्र कुमार तिवारी ने उपाधि पाने वाले छात्रों को बधाई देते हुए लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के चरित्र का अनुसरण करते हुए कृषि शिक्षा में उत्कृष्ट शोध कर भारतीय किसानों को सशक्त करने के लिए वचनबद्ध किया। उन्होंने उन्नत कृषि तकनीकी जैसे प्रसीजन फार्मिंग, स्मार्ट मशीन, सस्टेनेबल कृषि, सूक्ष्म सिंचाई व्यवस्था से किसानों को परिचित कराने पर जोर देते हुए विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों व शोध छात्रों को इस परिवर्तनकारी युग में मौसम के अनुसार फसल सम्बधित सलाह को किसानों तक पहुँचाने की विधियों को विकसित करने पर ध्यान आकर्षित किया।
दीक्षांत समारोह में विभिन्न विषयों में स्नातक की 370, स्नातकोत्तर में एवं पीएचडी में 20 छात्र-छात्राओं को उपाधियां प्रदान की गयी। शैक्षिक उत्कृष्टता के लिए कृषि महाविद्यालय, जैव प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, उद्यान महाविद्यालय, खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय एवं पशु चिकित्सा महाविद्यालय के 18 छात्र-छात्राओं को कुलपति स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदकों से सम्मानित किया गया। कृषि महाविद्यालय के तीनों उत्कृष्टता पदक छात्राओं को मिले।
डॉ. कुलदीप/सियाराम