कुर्की के भय से विकास दुबे के खजांची के इनामी व गैंगस्टर तीन भाइयों समेत चार ने कोर्ट में किया सरेंडर

कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद में दिल दहला देने वाली घटना बिक्री कांड के मोस्ट वांटेड विकास दुबे गैंग सभी लोग सलाखों के पीछे हैं। इस गैंग के सबसे बड़े व विकास के करीबी खजांची जय बाजपेई के तीन भाइयों की तलाश पुलिस लगातार कर रही थी, लेकिन एक बार फिर जनपद पुलिस से नजरें बचते हुए गैंगस्टर व 25-25 हजार रुपये के इनामी तीनों फरार आरोपियों ने एडीजे पंचम की कोर्ट में शुक्रवार को सरेंडर कर दिया। तीनों ही आरोपियों को रिमांड में लेकर पूछताछ की बात पुलिस के आलाधिकारी कर रहे हैं। 

बताते चलें कि जिले के चौबेपुर थाना क्षेत्र में दो माह पूर्व दो अगस्त की रात हुए बिकरु कांड की घटना ने प्रदेश व देश को हिला कर रख दिया था। इस घटना में बिल्हौर सीओ के नेतृत्व में गई तीन थानों की पुलिस पर जानलेवा हमला करते हुए मोस्ट वांटेड अपराधी विकास दुबे ने गैंग के साथ मिलकर आठ पुलिस कर्मियों को शहीद कर दिया था। जबकि कई कर्मी घायल हो गए थे। इस दुस्साहसिक घटना में मोस्ट वांटेड विकास दुबे समेेे कई आरोपियों को मार गिराया गया वहींं अन्य सभी आरोपियोंं को गिरफ्तार करते हुए जेल भेज दिया था। 
इस कार्रवाई में सबसे बड़े और आर्थिक रूप से गिरोह को मजबूत करने वाले खजांची जय बाजपेई का नाम सामने आया था। इसके बाद जय बाजपेई के तीन भाइयों का भी नाम प्रकाश में आया। जिसके बाद पुलिस ने तीनों के खिलाफ नजीराबाद थाने में गैंगस्टर के तहत पंजीकृत किया गया था इसकेेे बाद से तीनों भाई फरार हो गए थे। पुलिस ने बीते दिनों उनके घर पर नोटिस चस्पा करते हुए डुगडुगी पिटवाई थी और कुर्क करने की कार्रवाई को अमल में ला रही थी। 
इस बीच पुलिस पुलिस को आज उस वक्त निराशा हाथ लगी जब इन तीनों आरोपी भाइयों व एक अन्य आरोपी ने सुनियोजित तरीके से जिला न्यायालय पहुंचकर एडीजे पंचम की कोर्ट में सरेंडर कर दिया। सभी को पुलिस अभिरक्षा में जिला कारावास भेज दिया गया है। 
बताया जा रहा है कि सरेंडर किए जाने से पूर्व इन तीनों आरोपियों को पकड़ने के लिए नजीराबाद, बजरिया समेत कई थानों की फोर्स बीते कुछ दिनों से दिन रात हाथ-पांव मार रही थी। लेकिन पुलिस के मंसूबों को तीनों ही आरोपियों अजयकांत बाजपेई, रजयकांत बाजपेई व शोभित बाजपेई ने बड़े शातिराना अंदाज में धता बताते हुए कोर्ट में सरेंडर कर दिया। हालांकि इन चारों का सरेंडर करने के पीछे पुलिस के सख्त रुख व कार्रवाई को ही माना जा रहा है, लेकिन आरोपियों के स्थानीय पुलिस विभाग में कार्यरत कर्मियों से काफी अच्छी पैठ होने का लाभ प्राप्त होना, उनके सरेंडर किए जाने की बात से जाहिर हो रही है। 
फिलहाल मामले में जनपद पुलिस ने कहां है कि आरोपियों को रिमांड पर लेकर बिकरु कांड से जुड़े अन्य तथ्यों की जानकारी जुटाई जाएगी। आरोपियों की पकड़ चाहे जितनी मजबूत हो व रसूखदार ही क्यों ना हो ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी जो भविष्य में नजीर बनेगी।

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