किसान की मौत मामले में तहसीलदार की भूमिका संदिग्ध, कार्रवाई की संस्तुति

कानपुर (हि.स.)। किसान सुसाइड कांड मामले को गंभीरता से लेते हुए शासन के निर्देश पर हुई जांच में खुलासा हुआ है कि महाराजपुर के नायब तहसीलदार आशीष पटेल ने मनमाने ढंग से वगैर सुनवाई के ही एक तरफा दाखिल खारिज कर दिया। इसकी वजह से किसान निराश हो गया। जांच रिपोर्ट आते ही जिलाधिकारी विशाख जी ने नायब तहसीलदार पर कार्रवाई के लिए राजस्व बोर्ड से संस्तुति की है।

आरोप लग रहे हैं कि महाराजपुर के नायब तहसीलदार स्थानीय नेता के दबाव में आकर मनमाने ढंग से पीड़ित किसान की वगैर सुनवाई किये ही उसके पार्थना पत्र को खारिज कर दिया। इसका खुलासा एडीएम आपूर्ति अजित प्रताप सिंह की जांच में हुआ है। दोनों ही दाखिल खारिज दो महीने में हो गए। इस प्रकरण में किसान बाबू सिंह को सुना ही नहीं गया।

आरोपित भाजपा नेता के दबाव में आकर सिर्फ तहसील ही नहीं, कानपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारी भी मेहरबान रहे। आरोप है कि साजिश के तहत बाबू सिंह की कृषि भूमि छीनी गई, नियमों को ताख पर रखकर आननफानन में दाखिल खारिज कर दी गई। किसान की मौत के बाद सुसाइड नोट को गंभीरता से लेकर जांच की जा रही है।

जिलाधिकारी विशाख जी ने पूरे प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए लापरवाही एवं नियमों की अनदेखी का प्रमाण मिलते ही नायब तहसीलदार के खिलाफ कार्रवाई करने की संस्तुति कर दी है।

राम बहादुर/दिलीप

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