काशी में अक्षय तृतीया पर्व को लेकर लोगों में खासा उत्साह, पचास वर्ष बाद ग्रहों का विशेष संयोग
—रोहिणी नक्षत्र और शोभन योग की वजह से मंगल रोहिणी योग बन रहा
वाराणसी (हि.स.)। बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में अक्षय तृतीया पर्व को लेकर लोगों में खासा उत्साह है। पर्व इस बार तीन मई मंगलवार को है। खास बात यह है कि इस बार 50 वर्षों बाद ग्रहों का विशेष संयोग बन रहा हैं। पंचग्रहों के सात महायोग में पर्व को मनाया जायेगा। ज्योतिषविद मनोज पाठक बताते है कि प्रत्येक वर्ष बैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को विशेष मुहूर्त होता है, इसे अक्षय तृतीया के नाम से भी जानते हैं।
तृतीया तिथि 03 मई को सुबह 05 बजकर 19 मिनट से शुरू होकर 04 मई की सुबह 07 बजकर 33 मिनट तक रहेगी। इस दिन रोहिणी नक्षत्र सुबह 12 बजकर 34 मिनट से 04 मई की सुबह 03 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। उन्होंने बताया कि सनातन धर्म में इस दिन कोई भी नया कार्य शुरू करने का विशेष मुहूर्त होता है। अक्षय तृतीया पर इस बार सूर्य, चंद्र और शुक्र उच्च राशि में गुरु और शनि अपनी ही राशि में रहेंगे। इसके साथ ही केदार, शुभकर्तरी, उभयचरी, विमल, सुमुख, शोभन और मातंग योग का महा संयोग निर्मित हो रहा है। रोहिणी नक्षत्र और शोभन योग की वजह से मंगल रोहिणी योग बन रहा है। इस योग में चार बड़े राशि अपने उच्च भाव में होंगे । ऐसे में इस बार की अक्षय तृतीया का विशेष महत्व है। उन्होंने बताया कि अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम का जन्म हुआ था।
अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान कृष्ण की वजह से द्रौपदी को अक्षय कलश की प्राप्ति हुई थी। इसी दिन सागर मंथन की शुरुआत भी हुई थी और उसमें से निकलने वाला अमृत कलश पात्र में भी भरा था। माना जाता है कि कलश में 33 हजार करोड़ देवी- देविताओं का वास होता है।
इसलिए अक्षय तृतीया के दिन कलश पूजन का विशेष महत्व होता है। इस दिन लोग विवाह के साथ वस्त्र, आभूषण, भवन व वाहन आदि की खरीदारी करना शुभ मानते है। उधर, शुभयोग में वैवाहिक समारोह के साथ लोग सोने के आभूषण, भूमि-भवन,वाहन,बर्तन, फर्नीचर,कीमती वस्त्र खरीदने की तैयारी में जुट गये है।
भूमि भवन,वाहन के साथ सोने के आभूषण के लिए लोग पेशगी (एडवांस) भी दे चुके है। पर्व को लेकर मान्यता है कि इस दिन महादेव ने कुबेर को खजाना व माता लक्ष्मी को धन की देवी होने का आशीर्वाद दिया था। इस दिन की गई खरीदारी सुख व समृद्धि देने वाली मानी जाती है। पर्व को लेकर बाजारों में भी उत्साह है। उन्हें उम्मीद है कि अच्छा कारोबार होगा। धार्मिक मान्यता भी है कि अक्षय तृतीया के दिन जो लोग सोने की खरीददारी करते हैं, उनकी किस्मत साल भर तक सोने की तरह चमकती है।
श्रीधर