कानपुर : सीबीआई छापे के बाद अवकाश पर गए जलकल महाप्रबंधक
कानपुर (हि.स.)। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की टीम गुरुवार को करोड़ों के घोटाले की जांच करने कानपुर के जल विभाग के महाप्रबंधक के आवास पहुंची थी। जांच के बाद सीबीआई की टीम लौट गई थी। इसके बाद जांच में फंसे जलकल महाप्रबंधक अवकाश पर चले गए और कार्यवाहक के रूप में चार्ज सचिव संभाल रहे हैं।
30 करोड़ के घोटाले की जांच की आंच में फंसे कानपुर जलकल के महाप्रबंधक इं0 नीरज गौड़ के विभागीय आवास पर बीते गुरुवार को सीबीआई की एक टीम ने छापेमारी की। जांच के दौरान टीम आधी रात तक उनके विभागीय आवास पर डारे जमाए रही और घोटाले से जुड़े मामले में दस्तावेजों को खंगालने के साथ पूछताछ करती रही। जांच के बाद जब कानपुर से सीबीआई की टीम रवाना हुई तो घोटलों से जुड़े दस्तावेज साथ लेकर निकली।
अगले दिन से ही उनके आवास पर पत्रकारों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। इससे बचने के लिए जलकल महाप्रबंधक अवकाश पर चले गए। उन्होंने छुट्टी ली और चार्ज सचिव को सौंपकर निकल गए। हालांकि कुछ लोग यह भी कह रहे है कि वह अपने बंगले में ही हैं लेकिन सीबीआई की छापेमारी से जुड़ी कार्यवाही के बारे में मीडिया के सवालों से बचने के लिए अवकाश पर जाने की बात कही जा रही है। उनके अवकाश पर जाने की बात जलकल सचिव केपी आनंद ने देते हुए बताया कि महाप्रबंधक दो दिनों की छुट्टी पर गए हैं।
वर्ष 2008 से 2013 के बीच में इं0 नीरज गौड़ प्रतिनियुक्ति पर एनएचएआई में कार्यरत थे और वाराणसी डिवीजन के क्षेत्रीय प्रबंधक के रूप में कार्य कर रहे थे। इस दौरान टोल में किसी कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा था। इस मामले में सीबीआई की दिल्ली इकाई ने इनके खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया था। यह घोटाला लगभग 30 करोड़ का बताया जा रहा है और घोटाले में फंसे इं0 नीरज गौड़ लंबे समय से सीबीआई से बचते आ रहे थे। इसके पीछे उनका स्थायी पता फर्जी निकला भी बताया जा रहा है।
अजय/मोहित