कानपुर: बिकरु काण्ड के मुख्य आरोपित विकास दुबे समेत 200 शस्त्र लाइसेंसों की फाइलें गायब
कानपुर (हि.स.)। चर्चित बिकरु कांड के मुख्य सरगना विकास दुबे समेत उसके गुर्गों के शस्त्र लाइसेंस की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। असलहा विभाग से विकास दुबे समेत 200 लोगों की शस्त्र लाइसेंस की फाइलें गायब होने से हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि यह सभी शस्त्र लाइसेंस की फाइलें असलहा विभाग से गायब हुई हैं, जिसके बाद जांच में दोषी पाए गए तत्कालीन सहायक शस्त्र लिपिक विजय रावत पर कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।
बिकरु कांड के मुख्य आरोपित विकास दुबे समेत उसके गुर्गों ने शस्त्र लाइसेंस बनवाए थे। जहां बीते दिनों हुए इस चर्चित कांड के बाद प्रशासन द्वारा गांव के एक-एक शास्त्र लाइसेंस धारकों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें निरस्त किया गया था। जांच में पता चला कि विकास दुबे ने वर्ष 1997 में अपना पहला शस्त्र लाइसेंस बनवाया था। जब इसकी जानकारी असलहा विभाग से करना चाही, तो मालूम चला कि उसकी फाइल ही गायब है। इसके बाद विकास से जुड़े अन्य लोगों की जानकारी की गई तो मालूम चला कि शस्त्र लाइसेंस में 200 फाइलें गायब हो चुकी हैं। जांच में तत्कालीन शस्त्र लिपिक विजय पर वर्तामन क्लर्क वैभव अवस्थी की तहरीर पर कोतवाली थाना में एफआईआर दर्ज करा दी गई है।
खास बात यह कि इस तरीके से 200 शस्त्र लाइसेंस की फाइलें गायब होना, वह भी विकास दुबे जैसे लोगों की यह बहुत बड़ा सवाल खड़ा कर रही है कि असलहा विभाग में इतनी बड़ी चूक आखिर कैसे हुई। इतने बड़े खेल ने अकेला लिपिक नहीं शामिल हो सकता। कहीं ना कहीं इसमें बड़े आलाधिकारी भी शामिल हो सकते हैं।
प्रकरण में अपर जिलाधिकारी अतुल कुमार ने इस पूरे मामले की छानबीन शुरू कर दी है। उनका कहना है कि सत्यापन के दौरान शस्त्र कार्यालय से कुछ प्रतियां गायब पायी गयी है। इसी आधार पर तत्कालीन सहायक क्लर्क के ऊपर मुकदमा दर्ज कराया गया है।
पुलिस अधीक्षक पूर्वी राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि असलहा विभाग से कुछ लाइसेंस धारकों की फाइलें गायब हैं। इस सम्बंध में पूर्व असलहा लिपिक पर मुकदमा दर्ज किया गया है। प्रकरण में जांच कर कार्रवाई की जाएगी।