कानपुर के 1498 स्वयं सहायता समूहों को दी गई 14 करोड़ से अधिक की वित्तीय सहायता
कानपुर (हि.स.)। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत औद्योगिक नगरी में केन्द्र एवं राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास से वित्तीय वर्ष 2022-23 में सामुदायिक निवेश निधि के तहत चौदह करोड़ एक्कासी लाख चौदह हजार नौ अस्सी रुपये का योगदान देकर कुल 1498 महिला सहायता समूह आगे बढ़ाने का कार्य किया है। यह जानकारी सोमवार को राष्ट्रीय स्वरोजगार ग्रामीण आजीविका मिशन के उपायुक्त अभिनव गोपाल ने दी।
उन्होंने बताया कि कानपुर में दस ब्लाक हैं। जिसमें कुल 6434 स्वयं सहायता समूह हैं। जिनमें से 2339 विभिन्न विभागों के साथ जुड़कर कार्य कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त 2187 समूह है जो स्वयं सहायता के रूप में सक्रिय हैं। जिन्हें आगे बढ़ाने के लिए प्रत्येक समूह को 15 हजार रुपये सहायता के रूप में दिया गया है। इस तरह 26370 रुपये की धनराशि शासन ने मुहैया कराया है। वे अपने-अपने क्षेत्र में काम कर रहे हैं।
जिले के कुल 1498 समूह ऐसे जिन्हें सामुदायिक निवेश निधि के तहत प्रत्येक समूह को एक लाख बीस हजार रुपया दिया गया है। इस तरह सभी समूहों को मिलाकर कानपुर में लगभग 14 करोड़ 81 लाख 14 हजार नौ सौ 80 रुपये देकर उन्हें स्वरोजगार चलाने के लिए सहायता की गई है।
उन्होंने बताया कि एक समूह में अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष की पूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। वे सभी को एक साथ जोड़कर कार्ययोजना के साथ काम करें और उसके आय एवं व्यय का पूर्ण विवरण भी तैयार करेंगी। एक समूह में दस से 20 महिलाओं को जोड़ा गया है। इससे अधिक की संख्या होने पर दूसरा समूह बना दिया गया है।
यह योजना ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा शुरू की गई आजीविका के नाम से जाना जाने वाला राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) का उद्देश्य गरीब ग्रामीण लोगों को सतत आजीविका संवर्द्धन और बेहतर वित्तीय सेवाओं के माध्यम से सक्षम प्लेटफार्म प्रदान करना है ताकि उनकी घरेलू आय को बढ़ाया जा सके।।
केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा संचालित किया जाता है, जिसे केंद्र सरकार की पूर्व योजना स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना (एसजीएसवाई) को पुनर्गठित कर 01 अप्रैल 2013 को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की शुरुआत की गयी। यह योजना ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले गरीब लोगों के कल्याण के लिए बनायी गयी है।
राम बहादुर